Abu Dhabi Mandir: अबू धाबी के पहले हिंदू मंदिर में कौन से भगवान विराजमान हैं? किसने दान दी जमीन और कितना आया खर्च, जानें सबकुछ
Hindu Mandir Abu Dhabi: BAPS मंदिर दुबई-अबू धाबी शेख जायद हाईवे पर अल रहबा के पास अबू मुरीखा में स्थित है। इसे अबू धाबी में लगभग 27 एकड़ भूमि पर बनाया गया है। इसकी संरचना का काम 2019 से ही चल रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर बनाने में 700 करोड़ रुपयों का खर्च आया है।
Abu Dhabi Mandir: मंदिर का निर्माण कार्य 2019 से चल रहा है। मंदिर के लिए जमीन UAE ने दान में दी है
Hindu Temple in Abu Dhabi: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को दो दिवसीय यात्रा पर संयुक्त अरब अमीरात (UAE) पहुंचे, जहां पीएम का जोरदार स्वागत किया गया। प्रधानमंत्री मोदी आज (14 फरवरी) अबू धाबी में पहले हिंदू मंदिर का उद्घाटन करेंगे। मंदिर का निर्माण बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था यानी BAPS ने करवाया है। यह अबू धाबी में पत्थरों से बना पहला हिंदू मंदिर है। प्रधानमंत्री मोदी ने अबू धाबी मंदिर के निर्माण के लिए जमीन देने में सहयोग के लिए संयुक्त अरब अमीरात के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान का मंगलवार को शुक्रिया अदा किया। पीएम ने कहा कि यह भारत के प्रति उनकी आत्मीयता को दर्शाता है।
जानें, मंदिर की बड़ी बातें
- दुबई-अबू धाबी शेख जायद हाईवे पर अल रहबा के पास अबू मुरीखाह में स्थित BAPS हिंदू मंदिर का निर्माण निर्माण कार्य 2019 से जारी है। मंदिर के लिए जमीन UAE सरकार ने दान दी थी। ये जमीन खुद UAE के राष्ट्रपति ने मुहैया करवाई है। रिपोर्ट के मुताबिक मंदिर बनाने में 700 करोड़ रुपयों का खर्च आया है।
- अयोध्या में गत 22 जनवरी को राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह के तीन सप्ताह बाद BAPS मंदिर का उद्घाटन किया जाएगा। UAE में 3 अन्य हिंदू मंदिर हैं, जो दुबई में हैं। BAPS मंदिर खाड़ी क्षेत्र का सबसे बड़ा मंदिर होगा। इस मंदिर का निर्माण कार्य 2019 से चल रहा है।
- BAPS संस्था एक हिंदू संप्रदाय है। भगवान कृष्ण के अवतार के रूप में स्वामीनारायण के प्रति अपनी श्रद्धा के लिए जाने जाने वाले इस संप्रदाय ने इस मंदिर के निर्माण का नेतृत्व किया। मंदिर का डिजाइन वैदिक वास्तुकला और मूर्तियों से प्रेरित है। मंदिर हिंदू धर्म के कई देवी देवता मौजूद हैं।
- गंगा और यमुना का पवित्र जल, राजस्थान का गुलाबी बलुआ पत्थर, भारत से पत्थरों को लाने में इस्तेमाल किए लकड़ी के बक्सों से बना फर्नीचर अबू धाबी का पहला हिंदू मंदिर देश के विभिन्न हिस्सों के योगदान से बना वास्तुकला का एक चमत्कार है।
- मंदिर के दोनों ओर गंगा और यमुना का पवित्र जल बह रहा है जिसे बड़े-बड़े कंटेनर में भारत से लाया गया है। मंदिर प्राधिकारियों के अनुसार, जिस ओर गंगा का जल बहता है वहां पर एक घाट के आकार का एम्फीथिएटर बनाया गया है।
- इस ऐतिहासिक मंदिर के प्रमुख स्वयंसेवी विशाल पटेल ने पीटीआई से कहा कि इसके पीछे का विचार इसे वाराणसी के घाट की तरह दिखाना है जहां लोग बैठ सकें, ध्यान लगा सकें और उनके जहन में भारत में बने घाटों की यादें ताजा हो जाएं। जब पर्यटक अंदर आएंगे तो उन्हें जल की दो धाराएं दिखेंगी जो सांकेतिक रूप से भारत में गंगा और यमुना नदियों को दर्शाती हैं। 'त्रिवेणी' संगम बनाने के लिए मंदिर की संरचना से रोशनी की किरण आएगी जो सरस्वती नदी को दर्शाएगी।"
- दुबई-अबू धाबी शेख जायेद हाइवे पर अल रहबा के पास स्थित बोचासनवासी श्री अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संस्था (BAPS) द्वारा निर्मित हिंदू मंदिर करीब 27 एकड़ जमीन पर बनाया गया है।
- मंदिर के अग्रभाग पर बलुआ पत्थर पर उत्कृष्ट संगमरमर की नक्काशी है, जिसे राजस्थान और गुजरात के कुशल कारीगरों द्वारा 25,000 से अधिक पत्थर के टुकड़ों से तैयार किया गया है। मंदिर के लिए उत्तरी राजस्थान से अच्छी-खासी संख्या में गुलाबी बलुआ पत्थर अबू धाबी लाया गया है।
- मंदिर स्थल पर खरीद और सामान की देखरेख करने वाले विशाल ब्रह्मभट्ट ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि मंदिर के निर्माण के लिए 700 से अधिक कंटेनर में दो लाख घन फुट से अधिक 'पवित्र' पत्थर लाया गया है।
- उन्होंने कहा, "गुलाबी बलुआ पत्थर भारत से लाया गया है। पत्थर पर नक्काशी वहां के मूर्तिकारों ने की है और इसे यहां के श्रमिकों ने लगाया है। इसके बाद कलाकारों ने यहां डिजाइन को अंतिम रूप दिया है।" जिन लकड़ी के बक्सों और कंटेनर में पत्थरों को अबू धाबी लाया गया है, उनका मंदिर में फर्नीचर बनाने में इस्तेमाल किया गया है।
- बीएपीएस के लिए अंतरराष्ट्रीय संबंध के प्रमुख स्वामी ब्रह्मविहारीदास ने कहा, "मंदिर में प्रार्थना सभागार, कैफेटेरिया, सामुदायिक केंद्र आदि में रखा गया फर्नीचर पत्थरों को लाने में इस्तेमाल किए बक्सों और कंटेनर की लकड़ी से बनाया गया है। मंदिर के कोने-कोने में भारत का अंश है।"
- संयुक्त अरब अमीरात में तीन और हिंदू मंदिर हैं जो दुबई में स्थित हैं। अद्भुत वास्तुशिल्प और नक्काशी के साथ एक बड़े इलाके में फैला बीएपीएस मंदिर खाड़ी क्षेत्र में सबसे बड़ा मंदिर होगा।