Bharat Bandh Live: क्या था सुप्रीम कोर्ट का वो फैसला?
सुप्रीम कोर्ट ने बहुमत से दिए एक फैसले में 1 अगस्त को कहा कि राज्यों के पास ज्यादा वंचित और पिछड़ी जातियों के उत्थान के लिए अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के लिए तय आरक्षण में सब-कैटेगरी तय करना का अधिकार है।
भारत के प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात सदस्यीय संविधान पीठ ने 6:1 के बहुमत से व्यवस्था दी कि राज्यों को अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) में सब-कैटेगरी करने की अनुमति दी जा सकती है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि इन समूहों के भीतर और भी ज्यादा पिछड़ी जातियों को आरक्षण दिया जाए।
बहुमत के फैसले में कहा गया है कि राज्यों की ओर से सब-कैटेगरी को स्टैंडर्ड और आंकड़ों के आधार पर उचित ठहराया जाना चाहिए।
पीठ में जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस बेला एम. त्रिवेदी, जस्टिस पंकज मिथल, जस्टिस मनोज मिश्रा और जस्टिस सतीश चंद्र मिश्रा शामिल थे। बेंच 23 याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी, जिनमें से मुख्य याचिका पंजाब सरकार ने दायर की है, जिसमें पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट के 2010 के फैसले को चुनौती दी गई थी।