Bharat Bandh on August 21: एससी-एसटी के आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को लेकर कल यानी बुधवार (21 अगस्त) को 'भारत बंद' का ऐलान किया गया है। आरक्षण बचाओ संघर्ष समिति ने एससी/एसटी आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के विरोध में 21 अगस्त को भारत बंद की घोषणा की है, जो सुबह 6 बजे लेकर रात 8 बजे तक जारी रहेगा। राजस्थान में एससी/एसटी समूहों ने बंद का समर्थन किया है। द टाइम्स ऑफ इंडिया (TOI) की एक रिपोर्ट के अनुसार, किसी भी तनाव से बचने के लिए पुलिस को सभी जिलों में तैनाती बढ़ाने के लिए कहा गया है। डीजीपी यूआर साहू ने यह भी कहा कि 'भारत बंद' के संबंध में कानून और व्यवस्था की स्थिति सुनिश्चित करने के लिए एसपी को भी निर्देश दिए गए हैं।
DGP ने अखबार को बताया, "हमने अपने अधिकारियों से बंद का आह्वान करने वाले समूहों के साथ-साथ बाजार संघों के साथ बैठकें आयोजित करने के लिए कहा है, ताकि बेहतर सहयोग की सुविधा मिल सके।" राजस्थान के अलावा उत्तर प्रदेश में भी 21 अगस्त को होने वाले भारत बंद में मायावती की पार्टी BSP के सभी कार्यकर्ता अनुशासित तरीके से बड़ी संख्या में शामिल होंगे।
'भारत बंद' का क्यों किया गया ऐलान?
कई रिपोर्टों के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने राज्यों को एससी और एसटी समूहों के भीतर सब-कैटेगरी बनाने की अनुमति दी है। इस आदेश में कहा गया, "जिन्हें वास्तव में इसकी आवश्यकता है, उन्हें आरक्षण में प्राथमिकता मिलनी चाहिए।" इस फैसले ने व्यापक बहस छेड़ दी है। रिपोर्टों में कहा गया है कि भारत बंद का मुख्य उद्देश्य आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को चुनौती देना और इसे उलटने की मांग करना है।
'भारत बंद' के दौरान हिंसा की आशंका को देखते हुए शीर्ष पुलिस अधिकारियों ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए तैयारी के लिए बैठक की। रिपोर्ट के मुताबिक, बैठक में सभी संभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और वरिष्ठ पुलिस अधिकारी शामिल हुए।
पश्चिमी उत्तर प्रदेश को विशेष रूप से संवेदनशील माना गया है, जिसके चलते वहां पुलिस को हाई अलर्ट पर रखा गया है। विरोध प्रदर्शनों के दौरान जनता की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अधिकारी व्यापक कदम उठा रहे हैं। हालांकि ऐसे दिनों में सार्वजनिक परिवहन और निजी कार्यालय आमतौर पर बंद रहते हैं। लेकिन एम्बुलेंस जैसी आपातकालीन सेवाएं चालू रहती हैं।