"हॉस्टल कैंपस में मास्टरबेशन, आरोपी को लड़कियों के कमरे में घुसने की छूट", चरनी रोड मर्डर केस में कई चौंकाने वाले खुलासे
Mumbai Charni Road Murder case: मुंबई के चरनी रोड मर्डर केस में कई नए चौंकाने वाले खुलासे आए हैं। चरनी रोड के पास स्थित सरकारी गर्ल्स हॉस्टल के पुरुष कर्मचारी परिसर में ही 'हस्तमैथुन' करते थे। 18-वर्षीय एक छात्रा के साथ 'बलात्कार और हत्या' के बाद कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले ओम प्रकाश कनौजिया को "बिना किसी परमिशन के हॉस्टल रूम में जाने की इजाजत थी
Charni Road Murder Case: हॉस्टल में पीड़िता के साथ रहने वाली एक छात्रा ने इस मामले में नए खुलासे किए हैं
Mumbai Charni Road Murder Case: मुंबई के चरनी रोड मर्डर केस में कई नए चौंकाने वाले खुलासे आए हैं। चरनी रोड के पास स्थित सरकारी गर्ल्स हॉस्टल के पुरुष कर्मचारी परिसर में ही 'हस्तमैथुन' करते थे। 18-वर्षीय एक छात्रा के साथ 'बलात्कार और हत्या' के बाद कथित तौर पर आत्महत्या करने वाले ओम प्रकाश कनौजिया को "बिना किसी परमिशन के हॉस्टल रूम में जाने की इजाजत थी।" ये जानकारियां तब सामने आईं, जब हॉस्टल में पीड़िता के साथ रहने वाली एक छात्रा ने टेक्निकल एजुकेशन के डायरेक्टोरेट को एक लेटर लिखकर सरकारी बोर्डिंग हाउस के अधिकारियों की 'लापरवाही' के बारे में शिकायत की। छात्रा ने आगे कहा कि परिसर में CCTV कैमरों के खराब होने के बावजूद, कनौजिया को रात में परिसर में रहने की अनुमति दी गई थी।
बता दें कि हॉस्टल के सिक्योरिटी गार्ड ओम कनौजिया ने बीते मंगलवार को छात्रावास की चौथी मंजिल पर अपने कमरे के अंदर महिला की गला घोंटकर हत्या कर दी। पुलिस ने बताया कि इसके बाद उसने पास की रेलवे पटरियों पर ट्रेन के आगे कूदकर आत्महत्या कर ली।
पीड़िता के हॉस्टल की साथी ने लिखा, 'हॉस्टल को जर्जर हालत में रखा गया था और हमें अपने दम पर अपने लिए आवास खोजने के लिए कहा गया था क्योंकि अधिकारी उनकी वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए जिम्मेदार नहीं थे।
शिकायतकर्ता ने आगे कहा कि हॉस्टल की मेस 30 अप्रैल से बंद थी और उन्हें अपने भोजन की व्यवस्था खुद से करने या फिर नाश्ते और दोपहर के भोजन के लिए पास की कैंटीन में जाने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा, "जब कैदियों ने दोपहर के भोजन के दौरान उत्पीड़न की घटनाओं की सूचना दी, तो वार्डन ने उनपर कोई कार्रवाई नहीं की।"
छात्रा ने आगे लिखा, "यह बहुत दुखद है कि हॉस्टल वार्डन और मैनेजमेंट के कुछ कर्मचारियी मौखिक रूप से समय-समय पर छात्रों को गाली देने और अपमान करने का काम करते थे है। स्लीवलेस टॉप पहनने वाली लड़कियों के कैरेक्टर पर सवाल उठाए जाते थे। उनकी अपमानजनक टिप्पणियां हॉस्टल में रहने वाले लोगों में भय, असुरक्षा और मानसिक तनाव को बढ़ाने का काम करती थीं।"
छात्रा ने अगस्त 2018 की एक घटना का जिक्र करते हुए बताया, "एक पूरी तरह से अजनबी महिला हॉस्टल में अचनाक घुस गई। जबकि हॉस्टल में रहने वाली लड़कियों की महिला रिश्तेदारों को केवल रविवार के दिन मिलने की इजाजत थी और किसी दिन नहीं। इसके बावजूद किसी गार्ड ने उस महिला को न रोका और न ही उसकी तलाशी ली और उसे ऊपर आने दिया। वह महिला सीधे तीसरी मंजिल पर गई और लड़कियों की तस्वीरें खींचने लगी।"
छात्रा ने आगे बताया कि बाद में हॉस्टल की कुछ लड़कियों ने उस महिला को रोका और उसे वॉर्डन के पास ले गए और फिर हमें बताया गया कि "यह महिला एक साइको" थी। उन्होंने कहा, 'सभी लड़कियां डर गईं और वार्डन से पूछा कि वह हॉस्टल में कैसे घुसीं, जबकि हमारी मांओं को भी जाने की अनुमति नहीं है। लेकिन वार्डन ने लड़कियों को धमकी देते हुए कहा, 'कोई सीन मत बनाओ वरना मैं तुम्हें हॉस्टल से बाहर निकाल दूंगी। उसने सुरक्षा गार्डों के खिलाफ फिर से कोई कार्रवाई नहीं की, जिन्होंने उस महिला को हॉस्टल में आने की इजाजत दी।
18 वर्षीय मृत पीड़िता के परिवार ने गुरुवार को अंतिम संस्कार के लिए उसका शव लिया। पीड़िता के पिता और उसके एक दोस्त ने कथित तौर पर पुलिस को बताया था कि उत्तर प्रदेश का रहने वाला आरोपी सुरक्षा गार्ड उसे परेशान करता था।
महिला के परिवार के सदस्यों ने शुरू में 18 वर्षीय पीड़िता का शव लेने से इनकार कर दिया था और गुरुवार को अंतिम संस्कार के लिए शव एकत्र किया। पीड़िता के पिता और उसके एक दोस्त ने कथित तौर पर पुलिस को बताया था कि उत्तर प्रदेश का रहने वाला आरोपी सुरक्षा गार्ड उसे परेशान करता था।
18 वर्षीय पीड़िता महाराष्ट्र के विदर्भ क्षेत्र के अकोला की रहने वाली थी और बांद्रा के एक कॉलेज से कंप्यूटर इंजीनियरिंग करने के लिए अप्रैल 2021 में मुंबई आई थी। उसने एसएससी परीक्षा में 87 प्रतिशत अंक हासिल किए थे।
इंडिया एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, लड़की ने सोमवार को अपनी परीक्षा पूरी कर ली और गुरुवार को अपने घर के लिए रवाना होने वाली थी। लड़की के भाई ने बताया, 'उसने ट्रेन का टिकट कराया था और मैं शुक्रवार को उसके घर पर मिलने का इंतजार कर रहा था। लेकिन जिस दिन उसकी परीक्षा समाप्त हुई, उसी दिन यह घटना हुई।
लड़की के 53 वर्षीय पिता के हवाले से कहा गया है कि जब भी वह अपनी बेटी को हॉस्टल छोड़ते थे, तो कनौजिया हमेशा उन्हें आश्वासन देता थे कि वह उसकी देखभाल करेगा। उन्होंने कहा, "कौन जानता था कि उसके दिमाग में क्या चल रहा है क्योंकि मैंने उस पर भरोसा करना शुरू कर दिया था।" भाई ने बताया कि उनकी बहन यह पक्का करना चाहती थी कि उनके माता-पिता को बुढ़ापे में किसी भी तरह की आर्थिक तंगी का सामना न करना पड़े।