Balasore Train Accident: बालासोर में हुए ट्रेन हादसे में अभी भी 82 शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई है। इन लावारिस शवों के अंतिम संस्कार को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है। ओडिशा के चीफ सेक्रेटरी प्रदीप जेना का कहना है कि अभी भी AIIMS भुवनेश्वर में इन शवों की पहचान नहीं हो पाई है। प्रदीप जेना के मुताबिक सरकार लोगों को इन लावारिस शवों की पहचान करने के लिए हर तरह से मदद कर रही है।
डीएनए सैंपलिंग की मदद से की जा रही है पहचान
प्रदीप जेना ने बताया कि पहचान के लिए हर सुविधा देने के बाद हम देखेंगे कि आगे क्या करना है। शवों के अंतिम संस्कार का ऑप्शन हमेशा है लेकिन हम लोगों को शवों की पहचान का हर अवसर देना चाहते हैं। हम लोगों से उनके डीएनए सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं ताकि DNA सीक्वेंसिंग की मदद ली जा सके। चीफ सेक्रेटरी ने बताया कि शवों के सामूहिक अंतिम संस्कार का फैसला सबसे आखिर में लिया जाएगा।
लावारिस शवों को रखा जा रहा है ध्यान
प्रदीप जेना का कहना है कि एक बार कंफर्म हो जाए कि शवों की पहचान करना संभव नहीं है तभी हम फाइनल डिसीजन लेंगे। AIIMS सभी लावारिस शवों का ध्यान रख रहा है। सभी को ऐसे कंटेनर्स में रखा गया है जहां लंबे समय तक उनकी बॉडी को संभाला जा सके। हम शरीर को डीएनए मैच करने के बाद ही सौंपेंगे। अगर रिश्तेदार खुद से अंतिम संस्कार करेंगे तो यही चीज बेहतर भी रहेगी।
प्रदीप जेना ने कहा कि वो लगातार ओडिशा के हेल्थ सेक्रेटरी से बातचीत कर रहे हैं। AIIMS अथॉरिटीज के साथ वो सीधा टच में है। वहीं यूनियन हेल्थ मिनिस्ट्री का भी यही कहना है कि वो शवों की पहचान होने तक का इंतजार करेंगे। सामूहिक अंतिम संस्कार अभी तक बातचीत का हिस्सा नहीं है। एक उच्च अधिकारी का कहना है कि हम जानते हैं कि अभी भी 82 शव हैं लेकिन हम उनके रिश्तेदारों को उनकी पहचान का अवसर देना चाहते हैं। हम जितना इंतजार हो सकता है उतना इंतजार करेंगे।
AIIMS में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त शरीर
प्रभास रंजन त्रिपाठी मेडिकल सुपरिटेंडेंट इन चार्ज एनाटॉमी डिपार्टमेंट, AIIMS भुवनेश्वर ने बताया कि बालासोर हादसे में बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुई बॉडीज को संभालना एक चैलेंज है। सभी बॉडीज की डीएनए सैंपलिंग कर ली गई है।अब आगे की कार्रवाई के लिए हाइ अथॉरिटीज का इंतजार किया जा रहा है।