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भारत की Corona Vaccine पर चीन के हैकर्स की नजर, AIIMS, सीरम और भारत बायोटेक को बनाया निशाना

चीनी, रूसी और उत्तर कोरियाई हैकर्स के एक ग्रुप ने भारत की कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने के लिए AIIMS सहित शीर्ष दवा और वैक्सीन निर्माताओं को टारगेट किया है

MoneyControl Newsअपडेटेड Mar 02, 2021 पर 12:58 PM
भारत की Corona Vaccine पर चीन के हैकर्स की नजर, AIIMS, सीरम और भारत बायोटेक को बनाया निशाना

अपने हैकर्स की मदद से भारत में ब्लैकआउट (Power Outage) की फिराक में लगा चीन (China), अब भारत की टॉप वैक्सीन निर्माता और दवाई कंपनियों को निशाना बनाने में जुटा है। डिजिटल दुनिया के इस क्राइम में अकेला चीन ही नहीं बल्कि रूस (Russia) और कोरिया (Korea) के हैकर्स भी शामिल हैं। चीनी, रूसी और उत्तर कोरियाई हैकर्स के एक ग्रुप ने भारत की कई महत्वपूर्ण जानकारी हासिल करने के लिए, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII), भारत बायोटेक, Zydus Cadila और AIIMS, सहित शीर्ष दवा और वैक्सीन निर्माताओं को टारगेट किया है। साइबर खुफिया फर्म Cyfirma ने ये जानकारी दी है।

भारत बायोटेक और SII ने भारत में Covid-19 वैक्सीन निर्माण किए हैं, जिन्हें जनवरी में देश में आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण के लिए मंजूरी दी गई थी, Zydus Cadila अपनी कोरोना वैक्सीन का अंतिम चरण का ट्रायल कर रहा है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) देश का सर्वोच्च सार्वजनिक अस्पताल और रिसर्च सेंटर है।

सिंगापुर और टोक्यो में स्थित साइफिरमा ने 24 से 26 फरवरी के बीच हैकर्स द्वारा वैश्विक स्वास्थ्य सेवा कंपनियों के लिए "प्रख्यात खतरों" पर ध्यान दिया था। Cyfirma के मुख्य कार्यकारी अधिकारी कुमार रितेश ने ThePrint को बताया, "शरुआत में चेतावनियों की पहचान की गई, जहां हमने कई भारतीय फर्मों सहित वैश्विक स्वास्थ्य सेवा कंपनियों की आईटी परिसंपत्तियों से संबंधित प्रमुख खतरों का उल्लेख किया।"

फर्म की रिपोर्ट के अनुसार, ये साइबर हमले तीन प्रमुख राज्य-प्रायोजित खतरे समूहों की तरफ से हुए हैं, जो मुख्य रूप से रूस, चीन और उत्तर कोरिया में आधारित थे। एक्सेस की गई रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत के अलावा, अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, इटली, स्पेन, जर्मनी, ब्राजील, ताइवान और मैक्सिको में भी हेल्थकेयर कंपनियों को निशाना बनाया गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि शोधकर्ताओं ने देखा है कि हैकिंग ग्रुप COVID-19 वैक्सीन से संबंधित डेटा चोरी करना चाहते हैं। इसमें वैक्सीन रिसर्च, मेडिकल कंपोजिशन, क्लिनिकल ट्रायल की जानकारी, वैक्सीन का लॉजिस्टिक और डिस्ट्रीब्यूशन प्लान शामिल हैं।


वहीं इससे पहले एक अमेरिकी रिपोर्ट में किया गया कि पिछले साल 12 अक्टूबर को मुंबई में हुए पावर कट (Blackout) में चीन का हाथ था। दावा किया गया है कि मुंबई ब्लैकआउट का संबंध गलवान झड़प के साथ है। इसमें कहा गया है कि गलवान हिंसा के बाद लद्दाख में LAC पर जारी तनाव के बीच चीन भारत को यह मैसेज देना चाहता था कि अगर भारत ने अधिक सख्ती दिखाई तो पूरे देश को पावर आउटेज का सामना करना पड़ेगा।

न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट में एस स्टडी का हवाला देते हुए दावा किया गया है कि चीनी हैकर्स की फौज ने अक्टूबर में मात्र पांच दिनों के अंदर भारत के पॉवर ग्रिड, आईटी कंपनियों और बैंकिंग सेक्टर्स पर 40,500 बार साइबर अटैक किया था। इस स्टडी में कहा गया है कि भारत के पावर ग्रिड के खिलाफ एक व्यापक चीनी साइबर अभियान चलाया था। चीन यह दिखाने की कोशिश में था कि अगर सीमा पर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई तो वह भारत के अलग-अलग पावर ग्रिड पर मैलवेयर अटैक (Malware attack) कर उन्हें बंद कर देगा।

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