दिल्ली की एक अदालत ने स्पाइसजेट (SpiceJet) के प्रमोटर अजय सिंह (Ajay Singh) की अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। अजय सिंह ने फ्रॉड से जुड़े एक मामले में यह याचिका दायर की थी। शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर एडवोकेट विकास पाहवा ने मनीकंट्रोल को यह जानकारी दी।
पाहवा ने मनीकंट्रोल को बताया कि अदालत से इस आशय का एक लिखित आदेश आना अभी बाकी है और 31 मार्च को इसके आने की उम्मीद है। इस मामले में स्पाइसजेट ने कोई बयान देने से इनकार कर दिया है।
जांच के लिए पुलिस के सामने पेश नहीं होने पर जनवरी में अजय सिंह के खिलाफ दो गैर-जमानती वारंट जारी हुए थे। इसी के बाद उन्होंने अग्रिम जमानत की मांग करते हुए अदालत का रुख किया था। इस महीने की शुरुआत में, अदालत ने अजय सिंह को जांच में सहयोग करने और भाग लेने का निर्देश देते हुए उन्हें दंडात्मक कार्रवाई से बचाया था।
अजय सिंह को गिरफ्तारी से सुरक्षा 28 मार्च तक दी गई थी। यह अवधि समाप्त होने के बाद मामले की दोबारा सुनवाई की गई। मामले में शिकायतकर्ताओं की तरफ से बहस करते हुए, पाहवा ने अदालत को बताया कि अजय सिंह जांच एजेंसियों के साथ सहयोग नहीं कर रहे थे और उन्हें भटकाने की कोशिश भी की थी।
यह मामला 2021 का है, जब दिल्ली के एक बिजनेसमैन संजीव नंदा ने अजय सिंह के खिलाफ कथित तौर पर धोखाधड़ी करने की शिकायत दर्ज कराई थी। नंदा का दावा है कि उन्होंने और अजय सिंह ने एक शेयर परचेज एग्रीमेंट किया था, जिसके तहत स्पाइस जेट की कुल 25 लाख पूरी तरह से पेड-अप शेयरों को नंदा परिवार को ट्रांसफर किया जाना था। हालांकि यह शेयर ट्रांसफर नहीं हुए, जिसके बाद नंदा ने इस मामले में पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
शिकायत के बाद, पुलिस ने अदालत के निर्देश पर अजय सिंह के खिलाफ FIR दर्ज की। अजय सिंह पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के विभिन्न प्रावधानों के तहत आरोप लगाए गए हैं। मामले में जांच की जा रही है। जांच के दौरान अजय सिंह जब पुलिस के सामने पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किया जाने लगा। इसके चलते सिंह ने अदालत से अग्रिम जमानत मांगी।