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Delhi Earthquake: दिल्ली-NCR में भूकंप के तेज झटके, रिक्टर स्केल पर 3.1 रही तीव्रता

Delhi Earthquake: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटके दिल्ली- NCR, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, में महसूस किए गए। राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 3.1 मापी गई है, जबकि केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद में जमीन के 10 किलोमीटर नीचे बताया गया है

अपडेटेड Oct 15, 2023 पर 4:52 PM
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Delhi Earthquake: दिल्ली-NCR में एक बार फिर रविवार को भूकंप के झटके महसूस किए गए।

Delhi Earthquake: देश की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली एक बार फिर से कांप उठी। दिल्ली में आज यानी 15 अक्टूबर को शाम 4 बजे भूकंप के जोरदार झटके महसूस किए गए। दो हफ्ते में यह दूसरी बार भूकंप आया है। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) की रिपोर्ट के मुताबिक, हरियाणा के फरीदाबाद में शाम 4:08 बजे भूकंप आया। जिसकी तीव्रता रिक्टर स्केल पर 3.1 थी। दिल्ली के साथ ही गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम में भूकंप के झटके महसूस किए गए। भूकंप का केंद्र हरियाणा के फरीदाबाद से 9 किमी दूर और 10 किमी की गहराई पर था। हालांकि भूकंप में किसी तरह के नुकसान की कोई खबर नहीं है।

रविवार को छुट्टी होने की वजह से लोग अपने घरों में ही थे, लेकिन जैसे ही धरती हिली, लोग बाहर की ओर भागे। इससे पहले 3 अक्टूबर को राजधानी दिल्ली और एनसीआर में भूकंप के झटके लगे थे। भूकंप की तीव्रता इतनी जोरदार थी कि लोग अपने घरों से निकलकर सड़कों पर आ गए थे। तब भूकंप की तीव्रता 6 से अधिक मापी गई थी। केंद्र नेपाल बताया गया था। नेपाल में एक के बाद एक चार झटके महसूस किए गए थे।


जानिए कैसे आता है भूकंप

भूकंप के आने की मुख्य वजह धरती के अंदर प्लेटों का टकरना है। धरती के भीतर सात प्लेट्स होती हैं जो लगातार घूमती रहती हैं। जब ये प्लेटें किसी जगह पर आपस में टकराती हैं, तो वहां फॉल्ट लाइन जोन बन जाता है। फिर सतह के कोने मुड़ जाते हैं। सतह के कोने मुड़ने की वजह से वहां दबाव बनता है और प्लेट्स टूटने लगती हैं। इन प्लेट्स के टूटने से अंदर की एनर्जी बाहर आने का रास्ता खोजती है। जिसकी वजह से धरती हिलती है और हम इसे भूकंप मानते हैं।

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भूकंप की तीव्रता

रिक्टर स्केल पर 2.0 से कम तीव्रता वाले भूकंप को माइक्रो कैटेगरी में रखा जाता है और यह भूकंप महसूस नहीं किए जाते। रिक्टर स्केल पर माइक्रो कैटेगरी के 8,000 भूकंप दुनियाभर में रोजाना दर्ज किए जाते हैं। इसी तरह 2.0 से 2.9 तीव्रता वाले भूकंप को माइनर कैटेगरी में रखा जाता है। ऐसे 1,000 भूकंप प्रतिदिन आते हैं इसे भी सामान्य तौर पर हम महसूस नहीं करते। वेरी लाइट कैटेगरी के भूकंप 3.0 से 3.9 तीव्रता वाले होते हैं, जो एक साल में 49,000 बार दर्ज किए जाते हैं। इन्हें महसूस तो किया जाता है लेकिन शायद ही इनसे कोई नुकसान पहुंचता है। लाइट कैटेगरी के भूकंप 4.0 से 4.9 तीव्रता वाले होते हैं जो पूरी दुनिया में एक साल में करीब 6,200 बार रिक्टर स्केल पर दर्ज किए जाते हैं। इन झटकों को महसूस किया जाता है और इनसे घर के सामान हिलते नजर आते हैं। हालांकि इनसे न के बराबर ही नुकसान होता है।

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