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ABG Shipyard Scam: कैसे एक कंपनी ने 28 बैंकों को लगा दिया 22,842 करोड़ रुपये का चूना?

एबीजी शिपयार्ड की शुरुआत 1985 में हुई थी। इसने 2005 में अपना आईपीओ पेश किया था। यह शिप बनाती है। गुजरात के दहेज और सूरत में इसकी शिप बिल्डिंग फैसिलिटी है। शिप बिल्डिंग की इसकी कैपेसिटी को देखते हुए सरकार ने इसे इंडियन नेवी और कोस्ट गार्ड के लिए भी शिप बनाने की इजाजत दी थी

MoneyControl Newsअपडेटेड Feb 15, 2022 पर 5:31 PM
ABG Shipyard Scam: कैसे एक कंपनी ने 28 बैंकों को लगा दिया 22,842 करोड़ रुपये का चूना?
ईएंडवाई की 2012 से 2017 की ऑडिट की रिपोर्ट में बताया गया है कि कंपनी के बड़े अधिकारियों ने बैंकों से लिए गए लोन के पैसा का दुरुपयोग किया। कंपनी ने बैंकों से लेकर उसका इस्तेमाल अपनी दूसरी कंपनियों के लिए किया। लोन के पैसे से प्रॉपर्टी खरीदने के भी सबूत मिले हैं।

एबीजी शिपयार्ड (ABG Shipyard) से जुड़ा घोटाला सुर्खियों में है। इसे देश का सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला (Biggest bank fraud) बताया जा रहा है। इसके चलते विपक्ष ने सरकार पर निशाना साधा है। सरकार अपने बचाव की कोशिश करती नजर आ रही है।

सवाल है कि पिछले कुछ सालों में आए एक के बाद एक घाटालों के बाद भी हमारा बैंकिंग सिस्टम फुल-प्रूफ नहीं बना है? क्या आरबीआई (RBI) के रेगुलेशन में कमी है? क्या ऐसा सिस्टम बनाने में सरकार की दिलचस्पी नहीं है, जिसमें घोटाला करना नामुमकिन हो? आइए इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश करते हैं। हम यह भी पता लगाएंगे कि क्यों इन घाटालों से होने वाला नुकसान सिर्फ पैसों तक सीमित नही है।

क्या यह देश का सबसे बड़ा बैंक घोटाला है?

देश की सबसे बड़ी जांच एजेंसी सीबीआई ने एबीजी शिपयार्ड, इसके पूर्व चेयरमैन और एमडी ऋषि अग्रवाला और अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन पर 28 बैंकों को 22,842 करोड़ रुपये का चूना लगाने का आरोप है। यह रकम नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के 12,000 करोड़ रुपये के पीएनबी घोटाले से बहुत बड़ा है। पीएनबी से पहले विजय माल्या ने कई सरकारी और प्राइवेट बैंकों को चूना लगाया था। यह घोटाला भी करीब 9,000 करोड़ रुपये का था।

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