Cabinet Decisions: सरकार ने ECLGS का फंड 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाया, जानिए किसे होगा फायदा

ईसीएलजीएस स्कीम कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद लॉन्च हुई थी। इस स्कीम के तहत छोटे उद्यमों को कामकाज जारी रखने के लिए आसान शर्तों पर कर्ज उपलब्ध कराया जाता है

अपडेटेड Aug 17, 2022 पर 5:56 PM
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ECLGS के फंड में वृद्धि का फायदा कुछ खास सेक्टर को मिलेगा, जिनमें ट्रेवल, टूरिज्म और हॉस्पिटलिटी सेक्टर शामिल हैं।

सरकार ने इमर्जेंसी क्रेडिट लाइन गारंटी स्कीम (ECLGS) का फंड 50,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है। 17 अगस्त (बुधवार) को केंद्रीय कैबिनेट (Union Cabinet) की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई। सूचना एवं प्रसारण मंत्री (Information & Broadcasting Minister) अनुराग ठाकुर (Anurag Thakur) ने कैबिनेट के फैसलों के बारे में विस्तार से बताया।

ECLGS के फंड में वृद्धि का फायदा कुछ खास सेक्टर को मिलेगा। ठाकुर ने कहा कि अतिरिक्त फंड का फायदा ट्रेवल, टूरिज्म और हॉस्पिटलिटी सेक्टर को मिलेगा। दरअसल, कोरोना की महामारी कमजोर पड़ने के बाद ट्रेवल और टूरिज्म बढ़ा है। दोनों का सीधा संबंध हॉस्पिटलिटी सेक्टर यानी होटल इंडस्ट्री से है।

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ईसीएलजीएस स्कीम कोरोना की महामारी शुरू होने के बाद लॉन्च हुई थी। इस स्कीम के तहत छोटे उद्यमों को कामकाज जारी रखने के लिए आसान शर्तों पर कर्ज उपलब्ध कराया जाता है। कोरोना के चलते आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई थीं। इसका सबसे ज्यादा असर छोटे उद्यमों पर पड़ा था। बाद में ईसीएलजीएस के तहत ज्यादा सेक्टर को लाया गया।

कैबिनेट ने बुधवार को छोटी अवधि के कृषि लोन पर सालाना 1.5 फीसदी इंटरेस्ट सबवेंशन के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी। 3 लाख रुपये तक का कृषि लोन लेने वाले किसानों को इसका फायदा होगा। सरकार ने कृषि क्षेत्र को पर्याप्त कर्ज उपलब्ध कराने के लिए यह फैसला लिया है। इंटरेस्ट सबवेंशन का मतलब यह है कि किसानों को तय इंटरेस्ट रेट के मुकाबले 1.5 फीसदी कम इंटरेस्ट चुकाना होगा।

सरकार इंटरेस्ट रेट में छूट की भरपाई कर्ज देने वाले बैंकों और वित्तीय संस्थानों को करेगी। इसके लिए बजट में 34,846 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इस तरह किसानों को कृषि कर्ज के इंटरेस्ट रेट में कुल 3 फीसदी की छूट मिलेगी।

कैबिनेट ने तथाकथित ट्रेडिशनल नॉलेज डिजिटल लाइब्रेरी डाटाबेस का फायदा दूसरे यूजर्स को उठाने की भी इजाजत दे दी है। पहले सिर्फ पेटेंट ऑफिसेज को इसके इस्तेमाल की इजाजत थी। इसका मतलब है कि अब रिसर्चर्स और पेटेंट के आवेदनकर्ता भी इस लाइब्रेरी का इस्तेमाल कर सकेंगे। इससे रिसर्च एवं डेवलपमेंट को बढ़ावा मिलेगा।

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