RBI MPC: केंद्रीय बैंक आरबीआई के चालू वित्त वर्ष 2022-23 के आखिरी एमपीसी की बैठक का फैसला आ गया है। RBI ने Repo Rate में 25 बीपीएस (0.25 फीसदी) की बढ़ोतरी का फैसला किया है। एमपीसी (मॉनीटरी पॉलिसी कमेटी) के 6 में से 4 सदस्यों ने रेपो रेट बढ़ाने के पक्ष में वोट किया। 0.25 फीसदी की बढ़ोतरी के बाद अब यह 6.50 फीसदी हो गया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने तीन दिनों तक मौद्रिक नीतियों के लिए बनी समिति की बैठक के बाद यह एलान किया है। पिछले साल मई 2022 से लेकर अब तक छह बार में रेपो रेट 2.25 फीसदी बढ़ चुका है।
GDP Growth और महंगाई को लेकर ये है अनुमान
आरबीआई गवर्नर के मुताबिक वित्त वर्ष 2022-23 में ग्रोथ 7 फीसदी रह सकती है। अगले वत्त वर्ष की बात करें तो पहली तिमाही अप्रैल-जून 2023 में 7.8 फीसदी की ग्रोथ रह सकती है। वित्त वर्ष 2024 में रीयल जीडीपी ग्रोथ 6.4 फीसदी रहने की संभावना है। वहीं महंगाई की बात करें तो चालू वित्त वर्ष 2022-23 में यह 6.5 फीसदी पर फिसल सकती है। अगले वित्त वर्ष 2023-24 में भी खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी से ऊपर रह सकती है। आरबीआई गवर्नर का कहना है कि कमजोर वैश्विक मांग और मौजूदा आर्थिक माहौल घरेलू ग्रोथ को प्रभावित कर सकता है।
Repo Rate में हाइक का कैसे पड़ता है असर
रेपो रेट में हाइक से लोन की किश्तें महंगी हो जाती है। इसके चलते अगर आपने फ्लोटिंग रेट पर होम लोन या कोई और लोन लिया हुआ है तो उसकी एमएमआई (EMI) बढ़ जाएगी। वहीं दूसरी तरफ रेपो रेट में बढ़ोतरी के बाद बैंक एफडी समेत अन्य जमाओं पर अधिक ब्याज दे सकते हैं यानी जमा दरों में बढ़ोतरी हो सकती है।