केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट अप्रैल-जुलाई के दौरान 3.41 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पूरे साल के टारगेट का 20.5 फीसदी है। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स ने 31 अगस्त को फिस्कल डेफिसिट के आंकड़े जारी किए।
केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट अप्रैल-जुलाई के दौरान 3.41 लाख करोड़ रुपये रहा। यह पूरे साल के टारगेट का 20.5 फीसदी है। कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स ने 31 अगस्त को फिस्कल डेफिसिट के आंकड़े जारी किए।
पिछले साल अप्रैल-जुलाई में केंद्र सरकार का फिस्कल डेफिसिट पूरे साल के टारगेट का 21.3 फीसदी था। पिछले वित्त वर्ष के पहले चार महीनों में फिस्कल डेफिसिट 3.21 लाख करोड़ रुपये था।
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इस तरह साल दर साल आधार पर इस फाइनेंशियल ईयर में फिस्कल डेफिसिट 6 फीसदी ज्यादा है। सरकार ने इस फाइनेंशियल ईयर में फिस्कल डेफिसिट के लिए 16.61 लाख करोड़ रुपये का टारगेट तय किया है। यह जीडीपी का 6.4 फीसदी है।
इस साल जुलाई में केंद्र सरकारी की वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ है। जुलाई में सरकार का फिस्कल सरप्लस 11,040 करोड़ रुपये रहा। पिछले 28 महीनों में पहली बार फिस्कल सरप्लस देखने को मिला है। इससे पहले मार्च 2020 में फिस्कल सरप्लस की स्थिति बनी थी। तब कोरोना की महामारी शुरू हुई थी।
जुलाई में फिस्कल सरप्लस में साल दर साल आधार पर केंद्र के नेट टैक्स रेवेन्यू में 38 फीसदी की वृद्धि है। पिछले महीने नेट टैक्स रेवेन्यू 1.6 लाख करोड़ रुपये रहा। नॉन-टैक्स रेवेन्यू दोगुना से ज्यादा बढ़कर 27,423 करोड़ रुपये रहा। इससे कुल रिसीट 40 फीसदी तक बढ़कर 1.9 लाख करोड़ रुपये पहुंच गई।
इस बीच सरकार का कुल एक्सपेंडिचर 2 फीसदी घटकर जुलाई में 1.79 लाख करोड़ रुपये रहा। हालांकि, कैपिटल एक्सपेंडिचर पिछले साल के मुकाबले करीब दोगुना होकर 33,606 करोड़ रुपये पर पहुंच गया।
अप्रैल-जुलाई के दौरान केंद्र सरकार की कुल रिसीट 7.86 लाख करोड़ रुपये रही। यह पिछले साल के मुकाबले 15 फीसदी ज्यादा है। इस दौरान कुल एक्सपेंडिचर 12 फीसदी बढ़कर 11.27 लाख करोड़ रुपये रही।
इस फाइनेंशियल ईयर सरकार की वित्तीय स्थिति बहुत अच्छी दिख रही है। इस वित्त वर्ष के एक करीब एक तिहाई हिस्से में फिस्कल डेफिसिट पूरे साल के टारगेट का सिर्फ 20 फीसदी रहा।
बेहतर आर्थिक स्थिति के चलते केंद्र सरकार ने 10 अगस्त को टैक्स डिवॉल्यूशन के रूप में 1.17 लाख करोड़ रुपये जारी किए। यह सरकार के राज्यों के सामान्य ट्रांसफर अमाउंट का करीब दोगुना है। हर साल केंद्र की तरफ से टैक्स डिवॉल्यूशन राज्यों को 14 किस्तों में ट्रांसफर किया जाता है।
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