Credit Cards

FY24 में कौन रहा भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर, अमेरिका दूसरे स्थान पर

Largest trading partner of India: चीन वित्त वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक और 2020-21 में भी भारत का शीर्ष ट्रेडिंग पार्टनर था। चीन से पहले, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) देश का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर हुआ करता था। अमेरिका को भारत से निर्यात 2023-24 में 1.32 प्रतिशत घटकर 77.5 अरब डॉलर रह गया। पिछले वित्त वर्ष में चीन को भारत का निर्यात 8.7 प्रतिशत बढ़कर 16.67 अरब डॉलर हो गया

अपडेटेड May 12, 2024 पर 12:35 PM
Story continues below Advertisement
वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 में अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था।

बीते वित्त वर्ष 2023-24 में 118.4 अरब डॉलर के द्विपक्षीय व्यापार के साथ चीन, भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार (ट्रेडिंग पार्टनर) रहा। भारत के साथ व्यापार के मामले में चीन ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है। आर्थिक शोध संस्थान 'ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव' (GTRI) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वित्त वर्ष 2023-24 में 118.3 अरब डॉलर का रहा। वित्त वर्ष 2021-22 और 2022-23 में अमेरिका, भारत का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर था।

आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले वित्त वर्ष में चीन को भारत का निर्यात 8.7 प्रतिशत बढ़कर 16.67 अरब डॉलर हो गया। लौह अयस्क, सूती धागा/कपड़े/मेडअप, हैंडलूम, मसाले, फल और सब्जी, प्लास्टिक और लिनोलियम जैसे सेक्टर्स में भारत का चीन को निर्यात बढ़ा है। चीन से वित्त वर्ष 2024 में भारत का आयात 3.24 प्रतिशत बढ़कर 101.7 अरब डॉलर हो गया।

दूसरी ओर, अमेरिका को भारत से निर्यात 2023-24 में 1.32 प्रतिशत घटकर 77.5 अरब डॉलर रह गया। वित्त वर्ष 2022-23 में यह 78.54 अरब डॉलर था। अमेरिका से भारत का आयात लगभग 20 प्रतिशत घटकर 40.8 अरब डॉलर रह गया।


5 वर्षों में शीर्ष 15 ट्रेडिंग पार्टनर्स के साथ व्यापार में काफी बदलाव

GTRI ने कहा कि वित्त वर्ष 2018-19 से 2023-24 के दौरान शीर्ष 15 ट्रेडिंग पार्टनर्स के साथ भारत के व्यापार में काफी बदलाव आया है। इससे न केवल आयात और निर्यात प्रभावित हुआ है बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में ट्रेड सरप्लस और व्यापार घाटे की स्थिति भी बदली है। कहा गया है कि इस अवधि में चीन को निर्यात में 0.6 प्रतिशत की मामूली गिरावट देखी गई, जो 16.75 अरब डॉलर से घटकर 16.66 अरब डॉलर पर आ गया। वहीं चीन से आयात 44.7 प्रतिशत बढ़कर 70.32 अरब डॉलर से 101.75 अरब डॉलर हो गया। GTRI के फाउंडर अजय श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘आयात में इस वृद्धि के कारण व्यापार घाटा बढ़ गया। यह 2018-19 के 53.57 अरब डॉलर से बढ़कर वित्त वर्ष 2023-24 में 85.09 अरब डॉलर हो गया।

इसके उलट इस अवधि में अमेरिका के साथ व्यापार में वृद्धि देखी गई। अमेरिका को निर्यात में 47.9 प्रतिशत की बड़ी वृद्धि हुई, जो 52.41 अरब डॉलर से बढ़कर 77.52 अरब डॉलर हो गया। अमेरिका से आयात भी 14.7 प्रतिशत बढ़कर 35.55 अरब डॉलर से 40.78 अरब डॉलर हो गया। इसके चलते भारत का अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस 16.86 अरब डॉलर से बढ़कर 36.74 अरब डॉलर हो गया।

इससे पहले कब टॉप ट्रेडिंग पार्टनर था चीन

वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, चीन वित्त वर्ष 2013-14 से 2017-18 तक और 2020-21 में भी भारत का शीर्ष ट्रेडिंग पार्टनर था। चीन से पहले, संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) देश का सबसे बड़ा ट्रेडिंग पार्टनर हुआ करता था।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।