आज के समय ज्यादातर लोग इंटरनेट के जरिये ऑनलाइन बैठकर अपने बहुत सारे जरूरी काम निपटा लेते हैं। कई ऑफिसेस के चक्कर लगाने की बजाय उनकी साइट पर जाकर जरूरी फॉर्म भरे जाते हैं या फाइलिंग की जाती है। बैंकिंग से जुड़े ज्यादातर लेन-देन आज कल ऑनलाइन किये जाने का चलन पिछले कुछ वर्षों से बढ़ा। वहीं कोरोना के आने के बाद ऑनलाइन एक्टिविटी चरम पर पहुंच गई।
मोबाइल बैंकिंग, इंटरनेट बैंकिंग की वजह से साइबर अटैक या हैकिंग के मामलों में भी काफी इजाफा देखने को मिला है। पिछले 12 दिनों से रूस और यूक्रेन में जारी युद्ध में भी साइबर अटैक करने वालों और हैकर्स की भूमिका बढ़ गई है क्योंकि साइबर अटैक भी नये जमाने के युद्ध का तरीका माना जाने लगा है। ऐसे खतरों को देखते हुए साइबर अटैका और हैकिंग से बचने के लिए सरकार नई सिक्योर ईमेल सर्विस लॉन्च करने की तैयारी कर रही है।
सीएनबीसी आवाज़ को मिली एक्सक्लूसिव जानकारी के मुताबिक नई ईमेल सर्विस के शुरू हो जाने के बाद से साईबर अटैक या हैकिंग से पहले ही अलर्ट मिलेगा जिससे इससे बचने का अवसर भी मिल सकेगा।
नई सिक्योर ईमेल सर्विस पर जानकारी देते हुए सीएनबीसी आवाज के लक्ष्मण रॉय ने कहा कि सूत्रों के मुताबिक साइबर अटैक, हैकिंग से बचाने के लिए सरकार सिक्योर ई मेल सर्विस लाने की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा कि सूत्रों ने बताया है कि इस नई ईमेल सर्विस में हैकिंग, साइबर अटैक की समय से पहले जानकारी मिलेगी। समय से पहले जानकारी मिलने पर इससे बचाव की तैयारी की जा सकेगी। इस नई ईमेल सर्विस में सिक्योरिटी, परफोर्मेंस समेत 5 पहलुओं को मजूबत करने पर सरकार का जोर होगा। इसमें My Dashboard, नेटिव मोबाइल एप्लीकेशन, जैसे नए फीचर भी होंगे।
लक्ष्मण ने सूत्रों के हवाले से आगे कहा कि नई ईमेल सर्विस के लिए अगले तीन साल में करीब 300 करोड़ रु खर्च करने का प्रस्ताव है। नई सर्विस को लागू करने की जिम्मेदारी नेशनल इंफॉर्मेटिक्स सेंटर सर्विस पर होगी। ऐसा माना जा हा है कि अब सरकारी कामकाज के लिए सिक्योर ई मेल सर्विस होगी। इसके लॉन्च हो जाने के बाद से सरकार के भीतर सिक्योर कंम्यूनिकेशन सिस्टम तैयार होगा। वहीं संवेदनशील जानकारी की लेनदेन को अतिरिक्त सुरक्षा मिलेगी। सरकार के अनुसार इसके अभी 30 लाख यूजर्स हैं। सरकार की इसे बढ़ाकर 50 लाख तक करने की योजना भी है।