G20 नेताओं के सितंबर में होने वाले शिखऱ सम्मेलन से पहले क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) पर एक अहम चर्चा होने वाली है। इस बैठक में क्रिप्टो पर इंडिया की गाइडेंस रिपोर्ट पर बातचीत हो सकती है। इंडिया को उम्मीद है कि इस बैठक के अच्छे नतीजे आएंगे। इस बैठक में IMF और FSB (Financial Stability Board) की रिपोर्ट्स पर विचार होगा। IMF और FSB को क्रिप्टो एसेट्स के रेगुलेशन के लिए पॉलिसी बनाने के मकसद से व्यापक परिप्रेक्ष्य को ध्यान में रखते हुए रिपोर्ट तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। उम्मीद है कि G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन से पहले IMF-FSB के सिंथेसिस पेपर आ जाएंगे।
दिल्ली में होगा शिखर सम्मेलन
गाइडेंस नोट में अलग-अलग देशों की तरफ से उठाए गए कदमों की जानकारी होगी। इसमें IMF, FSB और Bank of International Settlements (BIS) की तरफ से किए गए उपाय भी शामिल होंगे। इस मामले से जुड़े एक सूत्र ने बताया कि इंडिया को उम्मीद है कि नई दिल्ली में 9-10 सितंबर को होने वाले शिखर सम्मेलन में क्रिप्टो को लेकर कोई नतीजा आएगा। इसमें जी20 की इंडिया की अध्यक्षता में प्रस्तावित उपायों से लेकर सदस्य देशों के बीच रोडमैप को लेकर सहमति शामिल हो सकती है।़
फाइनेंस मिनिस्टर्स की बैठक में क्रिप्टो पर होगी चर्चा
सूत्र ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, "अगर यह रोडमैप मददगार रहता है तो इस पर G20 की अगली प्रेसिडेंसी की बैठक में विचार हो सकता है। तब अगले कदमों को लेकर तस्वीर साफ हो सकती है। इसमें रेगुलेशन या टेंप्लेट हो सकता है। अगर टेंप्लेट पर सहमति बनती है तो उसके इंप्लिमेंटेशन और लेजिसलेश से जुड़ी जरूरतें अहम होंगी।" G20 के फाइनेंस मिनिस्टर्स और सेंट्रल बैंक के गवर्नर्स की तीसरी बैठक 17 जुलाई से गांधीनगर में होने जा रही है। इसमें क्रिप्टो पर खास चर्चा होने की उम्मीद है।
क्रिप्टो के रेगुलेशन पर लगातार हो रही है चर्चा
इंडिया क्रिप्टो से जुड़ी चर्चा में सबसे आगे रहा है। यह क्रिप्टो के रेगुलेशन के लिए वैश्विक सहमति बनाना चाहता है। इंडिया की दलील रही है कि क्रिप्टो को रेगुलेट करने के लिए दुनिया के देशों के बीच सहयोग जरूरी है। जी20 देशों के फाइनेंस मिनिस्टर्स और सेंट्रल बैंकों के गवर्नर्स की दूसरी बैठक में RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा था कि कुछ सदस्य देशों का मानना है कि क्रिप्टो पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया जाना चाहिए। यह बैठक बेंगलुरु में हुई थी। उससे बाद से अलग-अलग मंचों पर इस बारे में चर्चा होती रही है।