G20 Summit : इसमें कोई संदेह नहीं कि अब इंडिया का समय आ गया है, जानिए अरविंद पनगढ़िया ने क्यों कही यह बात

नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन ने जी20 की भारत की अध्यक्षता एक बड़े शादी समारोह से की। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने कहा कि इंडिया ने जी20 में जिस तरह की कामयाबी हासिल की है, उसे किसी दूसरे देश के लिए दोहराना मुश्किल होगा। इंडिया अभी सुर्खियों में है। इसमें इसके आर्थिक विकास का बड़ा हाथ है। इसकी दूसरी भी वजहें हैं

अपडेटेड Sep 11, 2023 पर 1:04 PM
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पनगढ़िया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के रिश्ते तेजी से बेहतर हुए हैं। पीएम मोदी का दुनिया के बड़े नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं।

इस बात में कोई संदेह नहीं कि इंडिया का समय आ गया है। नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया (Arvind Panagariya) ने यह बात कही है। उन्होंने G20 में इंडिया की सफलता पर खुशी जताई। उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी कॉन्ग्रेस को संबोधित किया था, तब जबर्दस्त रिस्पॉन्स देखने को मिला था। दुनिया के किसी दूसरे देश के नेता के लिए इस तरह का रिस्पॉन्स देखने को नहीं मिला है। नीति आयोग के पूर्व वाइस-चेयरमैन ने जी20 की भारत की अध्यक्षता एक बड़े शादी समारोह से की। मनीकंट्रोल से बातचीत में उन्होंने कहा कि इंडिया ने जी20 में जिस तरह की कामयाबी हासिल की है, उसे किसी दूसरे देश के लिए दोहराना मुश्किल होगा।

अफ्रीकन यूनियन के सदस्य बनने से इंडिया को फायदा

पनगढ़िया ने जी20 में अफ्रीकन यूनियन की एंट्री को भारत के लिए फायदेमंद बताया। उन्होंने कहा कि भारत की अध्यक्षता में अफ्रीकन यूनियन का जी20 का सदस्य बनने से ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर अपने एजेंडा को आगे बढ़ाने में भारत को मदद मिलेगी। पनगड़िया जी20 में भारत के शेरपा रह चुके हैं। अफ्रीका महाद्वीप में 55 देश शामिल हैं। लेकिन, सिर्फ दक्षिण अफ्रीका जी20 का सदस्य रहा है। उधर, यूरोपीय यूनियन इसका लंबे समय से सदस्य है। अफ्रीकन यूनियन के जी20 में शामिल होने से इंडिया को फायदा मिलेगा। बातचीत के दौरान भी इससे भारत को मदद मिलेगी।


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मोदी के कार्यकाल में अमेरिकी से रिश्ते मजबूत हुए हैं

इंडिया अभी सुर्खियों में है। इसमें इसके आर्थिक विकास का बड़ा हाथ है। इसकी दूसरी भी वजहें हैं। पनगड़िया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में भारत और अमेरिका के रिश्ते तेजी से बेहतर हुए हैं। पीएम मोदी का दुनिया के बड़े नेताओं से अच्छे रिश्ते हैं। भारत को जी20 के घोषणापत्र पर सहमति बनाने में अमेरिका से सहयोग मिला होगा। उन्होंने कहा कि इंडिया ने रूस और बाकी दुनिया के बीच बहुत अच्छा संतुलन बनाया है। रूस के साथ संबंध पर असर के बगैर इंडिया संयुक्त घोषणापत्र पर सभी देशों की सहमति हासिल करने में सफल रहा।

घोषणापत्र में ग्लोबल साउथ पर फोकस

नीति आयोग के पूर्व-वाइस चेयरमैन ने कहा कि रूस के लिहाज से जी5 का घोषणापत्र इससे बेहतर नहीं हो सकता। इस घोषणापत्र को लेकर ज्यादातर शिकायतें पश्चिम से आ रही हैं। उनकी दलील है कि इसने यूक्रेन युद्ध के असर की अनदेखी की है। उन्होंने कहा कि जी20 नेताओं के घोषणापत्र में ग्लोबल साऊथ पर फोकस किया गया है। इस पर सहमति बनाने में इंडिया की बड़ी भूमिका रही।

जी20 की सफल अध्यक्षता इंडिया के लिए बड़ी उपलब्धि

पनगढ़िया ने कहा, "जब मैं शेरपा था तब OECD के सदस्य देश घोषणापत्र पर अपना नियंत्रण बनाने की कोशिश करते थे। वे 20जी सचिवालय के रूप में काम करना चाहते थे।" उन्होंने कहा कि जी20 की अगली अध्यक्षता में ग्लोबल साउथ पर फोकस बने रहने की उम्मीद है। इसकी अध्यक्षता ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका जैसे विकासशील देश कर रहे हैं। जी20 के अध्यक्ष के रूप में इंडिया के मैसेज के बारे में उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र का बड़ा उदाहरण है। एक विकासशील देश ने जी20 की इतनी अच्छी अध्यक्षता की है।

Rakesh Ranjan

Rakesh Ranjan

Tags: #G-20

First Published: Sep 11, 2023 11:14 AM

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