सरकार फर्टिलाइजर सब्सिडी में फाइनेंशियल ईयर 2024-25 और 2025-26 में एक लाख करोड़ रुपये की कमी करेगी। इसके लिए सरकार को PM PRANAM स्कीम और liberlised Market Development Assistance Scheme से मदद मिलेगी। दोनों स्कीमों को इस हफ्ते कैबिनेट की मंजूरी मिल जाने की उम्मीद है। एक सरकारी अधिकारी ने यह जानकारी दी। उन्होंने मनीकंट्रोल को बताया कि सरकार ने FY24-FY26 के दौरान कुल 3.7 लाख करोड़ रुपये की सब्सिडी का टारगेट रखा है। इस फाइनेंशियल ईयर में फर्टिलाइजर सब्सिडी के लिए 1.75 लाख करोड़ रुपये का बजट है। पीएम प्रणाम और मार्केट डेवलपमेंट असिस्टेंस स्कीम से सरकार को सब्सिडी का बोझ कम करने में मदद मिलेगी।
इस हफ्ते मिल सकती है कैबिनेट की मंजूरी
कैबिनेट इस हफ्ते पीएम प्रणाम, एमडीए स्कीम और यूरिया गोल्ड को मंजूरी दे सकती है। पीएम प्रणाम के तहत सरकार केमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल घटाने के लिए राज्य सरकारों को इनसेंटिव देगी। इसकी जगह बायो और ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल होगा। अधिकारी ने बताया, "अगर राज्य सरकारें पिछले तीन सालों के औसत के मुकाबले केमिकल फर्टिलाइजर का इस्तेमाल घटाती हैं तो सब्सिडी पर खर्च होने वाली 50 फीसदी रकम उन्हें ट्रांसफर कर दी जाएगी।"
पीएम प्रणाम और लिक्विड नैनो यूरिया के इस्तेमाल से होगी बड़ी बचत
अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकारें इस पैसे का इस्तेमाल कैपिटल एक्सपेंडिचर के लिए कर सकती हैं। राज्यों का दावा है कि कोविड-19 के बाद से उन्हें प्रोजेक्ट्स पूरे करने के लिए पैसे की कमी का सामना करना पड़ रहा है। पीएम प्रणाम और लिक्विड नैनो यूरिया के इस्तेमाल से तीन साल में केंद्र सरकार 19,000 करोड़ रुपये की बचत कर सकती है। बताया जाता है कि लिक्विड नैनो यूरिया एक नाइट्रोजन फर्टिलाइजर है जो सस्ता और ज्यादा प्रभावी है। इससे दानेदार यूरिया के आयात में काफी कमी आ सकती है।
MDA स्कीम के लिए 1451 करोड़ रुपये का टारगेट तय
लिबरलाइज्ड MDA स्कीम के तहत शहरों में कंपोस्टिंग को बढ़ावा दिया जाता है। इसके लिए तीन साल के लिए 1,451 करोड़ रुपये का टारगेट तय है। इसके तहत करीब 1,500 करोड़ रुपये का असिस्टेंस कंपोस्ट मैन्युफैक्चरर्स को दिया जाएगा। इस स्कीम से ऑर्गेनिक वेस्ट का इस्तेमाल बढ़ेगा। इनमें बायोगैस, ग्रीन मैन्योर और कंपोस्टिंग शामिल हैं। इस स्कीम के तहत फर्टिलाइजर्स के अल्टरनेविट को बढ़ावा दिया जा रहा है।