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GST कलेक्शन में जबरदस्त ग्रोथ, जुलाई में 10.3% बढ़कर 1.82 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा

GST collections in July: जून में कोरोना महामारी के बाद 10 फीसदी से नीचे गिरने के बाद जीएसटी कलेक्शन की ग्रोथ की गति फिर से डबल डिजिट से ऊपर पहुंच गई। ये नंबर्स पिछले महीने की तुलना में अधिक है, लेकिन अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों से कम है, जब सरकार ने 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे

MoneyControl Newsअपडेटेड Aug 01, 2024 पर 7:26 PM
GST कलेक्शन में जबरदस्त ग्रोथ, जुलाई में 10.3% बढ़कर 1.82 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा
देश के ग्रॉस गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन में जुलाई 2024 में जबरदस्त ग्रोथ देखी गई।

GST collections: देश के ग्रॉस गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (GST) कलेक्शन में जुलाई 2024 में जबरदस्त ग्रोथ देखी गई। यह 10.3 फीसदी बढ़कर 1,82,075 करोड़ रुपये हो गया है। पिछले महीने जीएसटी कलेक्शन के जरिए सरकार के खजाने में 1.74 लाख करोड़ रुपये आए थे। भारत सरकार ने ये आंकड़े आज 1 अगस्त को जारी किए हैं। रिफंड के हिसाब से जुलाई 2024 के लिए नेट जीएसटी रेवेन्यू 1,44,897 करोड़ रुपये है, जो पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 14.4 फीसदी अधिक है।

जून में कोरोना महामारी के बाद 10 फीसदी से नीचे गिरने के बाद जीएसटी कलेक्शन की ग्रोथ की गति फिर से डबल डिजिट से ऊपर पहुंच गई। ये नंबर्स पिछले महीने की तुलना में अधिक है, लेकिन अप्रैल में जीएसटी कलेक्शन के आंकड़ों से कम है, जब सरकार ने 2.1 लाख करोड़ रुपये जुटाए थे। 23 जुलाई को सरकार द्वारा जारी बजट 2024 में वित्त वर्ष 25 में जीएसटी रेवेन्यू में 11 फीसदी की वृद्धि का अनुमान लगाया गया है।

लेटेस्ट आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र ने सबसे अधिक 28,970 करोड़ रुपये का जीएसटी कलेक्ट किया, उसके बाद कर्नाटक (13,025 करोड़ रुपये), गुजरात (11,015 करोड़ रुपये), तमिलनाडु (10,490 करोड़ रुपये) और उत्तर प्रदेश (9,125 करोड़ रुपये) का स्थान रहा। कलेक्शन के इन आंकड़ों में गुड्स के इंपोर्ट पर जीएसटी शामिल नहीं है।

सरकार जीएसटी को तर्कसंगत बनाने के लिए दरों की संख्या को घटाकर तीन करने पर विचार कर रही है। जून में सरकार ने दरों में बदलाव का सुझाव देते हुए काउंसिल को फाइनल रिपोर्ट सौंपने के लिए दरों को तर्कसंगत बनाने वाले पैनल का पुनर्गठन किया था। वर्तमान में, चार- 5%, 12%, 18% और 28% दरें लगाई जाती हैं, इसके अलावा कुछ जरूरी वस्तुओं पर भी टैक्स लगता है, जिन पर जीएसटी रीजिम के तहत टैक्स नहीं लगता है।

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