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भारत की अर्थव्यवस्था 2024-26 के दौरान 6-7.1% की दर से बढ़ेगी, S&P ग्लोबल रेटिंग्स का अनुमान

रिपोर्ट के मुताबिक, ग्लोबल लेवल पर अनिश्चितताओं का भारतीय अर्थव्यवस्था पर कम असर पड़ेगा। हालांकि, धीमी ग्लोबल ग्रोथ और एक्सटर्नल डिमांड आर्थिक गतिविधियों पर असर डालेगी और मुद्रास्फीति को तेज कर सकती है। लेकिन भारत की वृद्धि घरेलू स्तर पर केंद्रित होने से उम्मीद है कि आर्थिक वृद्धि पर इसका कम असर होगा

Edited By: Shubham Singh Thakurअपडेटेड Nov 16, 2023 पर 5:38 PM
भारत की अर्थव्यवस्था 2024-26 के दौरान 6-7.1% की दर से बढ़ेगी, S&P ग्लोबल रेटिंग्स का अनुमान
भारत की अर्थव्यवस्था 2024-26 के दौरान 6-7.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी।

भारत की अर्थव्यवस्था 2024-26 के दौरान 6-7.1 फीसदी की दर से बढ़ेगी। यह अनुमान ग्लोबल रेटिंग एजेंसी S&P ने जताई है। S&P ग्लोबल रेटिंग्स का मानना है कि भारत की आर्थिक वृद्धि की संभावनाएं मध्यम अवधि में मजबूत रहने की संभावना है। अनुमान के मुताबिक वित्त वर्ष 2023-24 से लेकर 2025-26 तक देश की GDP में सालाना 6-7.1 फीसदी की वृद्धि होगी।

S&P ग्लोबल रेटिंग्स की रिपोर्ट में क्या है?

एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि हेल्दी कॉर्पोरेट बैलेंस शीट और अन्य स्ट्रक्चरल सुधार होने से बैंकों का फंसा कर्ज मार्च 2025 तक ग्रॉस एडवांस के 3-3.5 फीसदी तक घट जाएगा। इसके अलावा भारत में ब्याज दरों में अधिक वृद्धि की संभावना नहीं होने से बैंकिंग सेक्टर के लिए जोखिम भी सीमित होने का अनुमान जताया गया है।

एसएंडपी की प्राइमरी क्रेडिट एनालिस्ट दीपाली सेठ छाबड़िया ने कहा, "अनसिक्योर्ड पर्सनल लोन तेजी से बढ़े हैं और यह फंसे कर्जों की वृद्धि में भूमिका निभा सकते हैं। लेकिन हमारा मत है कि खुदरा ऋण के लिए अंडरराइटिंग के मानक आमतौर पर अच्छे रहते हैं और इस प्रोडक्ट कैटेगरी के लिए चूक का समग्र स्तर स्वीकार्य सीमा के भीतर रहता है।"

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