भारत के शहरी बेरोजगारी दर में गिरावट देखने को मिली है। 9 अक्टूबर को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics and Programme Implementation) की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक भारत की शहरी बेरोजगारी दर 2023-24 की पहली तिमाही यानी जनवरी-मार्च में 6.8 प्रतिशत से गिरकर 6.6 प्रतिशत हो गई। भारतीय शहरों में बेरोजगारी की दर 2018-19 में शुरू होने के बाद से सरकार के आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (PLFS) में बेरोजगारी दर को मापता है। इसमें केवल एक व्यक्ति को तभी नौकरीपेशा माना जाता है जब उसने सर्वे के दिन से पहले सात दिनों के दौरान किसी भी दिन कम से कम एक घंटे तक काम किया हो।
कोविड से पहले कितनी थी बेरोजगारी दर
CWS में 15 साल और उससेज्यादा की उम्र वाले व्यक्तियों के लिए बेरोजगारी दर महामारी से पहले की अवधि के दौरान 7.8 प्रतिशत से 9.7 प्रतिशत तक थी। अप्रैल-जून 2023 के दौरान बेरोजगारी दर 6.6 प्रतिशत थी जो कि कवर की गई तिमाहियों में देखी गई बेरोजगारी दर से कम है। अप्रैल-जून में, भारत की शहरी बेरोजगारी दर में गिरावट आई है। वहीं श्रम बल भागीदारी दर पिछली तिमाही के 48.5 प्रतिशत से बढ़कर 48.8 प्रतिशत हो गई। जबकि अप्रैल-जून में पुरुष श्रम बल भागीदारी दर 73.5 प्रतिशत पर स्थिर थी, महिलाओं के लिए यह 50 बीपीएस अंक बढ़कर 23.2 प्रतिशत हो गई।
महिला और पुरुषों के लिए क्या है बेरोजगारी दर
इस दौरान महिलाओं की श्रम भागीदारी में इजाफा देखा गया है। हालांकि पुरुषों के मामले में कोई इजाफा नहीं हुआ है। पुरुषों के लिए बेरोजगारी की दर 10 बेस प्वाइंट गिरकर 5.9 प्रतिशत और महिलाओं के लिए बेरोजगारी दर गिरकर 9.1 प्रतिशत हो गई। जबकि अप्रैल-जून में महिलाओं के लिए बेरोजगारी और श्रम भागीदारी दर में सुधार हुआ। हालांकि इस दौरान उनकी नौकरियों के स्तर में कुछ खास सुधार देखने को नहीं मिला। अप्रैल-जून में, आकस्मिक श्रम में काम करने वाली महिलाओं का प्रतिशत 2023 की पहली तिमाही में 7.3 प्रतिशत से गिरकर 6.8 प्रतिशत हो गया। इस बीच, वेतनभोगी नौकरियों वाले पुरुषों का प्रतिशत 50 आधार अंक बढ़कर 47.8 प्रतिशत हो गया।
खुद का रोजगार करने वाली महिलाओं की संख्या में हुआ इजाफा
इसके अलावा, खुद का रोजगार करने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी 70 आधार अंक बढ़कर 39.2 प्रतिशत हो गई। घरेलू कामों में बिना सैलरी के काम करने वाली महिलाओं की हिस्सेदारी जनवरी-मार्च में 11.7 प्रतिशत से बढ़कर 11.9 प्रतिशत हो गई।