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MC Exclusive : आरके सिंह ने भारत की जलविद्युत उत्पादन क्षमता को दोगुना करने का लिया संकल्प

वर्तमान में जलविद्युत भारत की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का केवल 11 प्रतिशत है। मनीकंट्रोल द्वारा देखे गए सीईए आंकड़ों के मुताबिक 1962-63 में, जलविद्युत भारत की संपूर्ण स्थापित क्षमता का 52.78 प्रतिशत था। जल विद्युत को लगभग स्वच्छ ऊर्जा स्रोत माना जाता है। हालांकि इसमें कुछ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन होता है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 19, 2024 पर 11:18 AM
MC Exclusive : आरके सिंह ने भारत की जलविद्युत उत्पादन क्षमता को दोगुना करने का लिया संकल्प
केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने बताया कि वर्तमान में 18,000 मेगावाट की दूसरी पनबिजली परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इसके अलावा 13,000 मेगावाट की परियोजनाएं सर्वेक्षणों और जांच के अधीन हैं।

यूनियन पावर एंड न्यू एंड रिन्यूएबल एनर्जी मिनिस्टर आरके सिंह ने मनीकंट्रोल को बताया है कि भारत सरकार देश की जलविद्युत क्षमता को दोगुना करने की योजना पर काम कर रही है। मनीकंट्रोल के पॉलिसी नेक्स्ट समिट में बोलते हुए आरके सिंह ने कहा कि इससे भारत की जलविद्युत क्षमता 47,000 मेगावाट (मेगावाट) से बढ़कर कम से कम 90,000 (मेगावाट) हो जाएगी। उन्होंने कहा, "जब मैं इसमें इस मंत्रालय में शामिल हुआ तो भारत की जलविद्युत उत्पादन क्षमता मरणासन्न स्थिति में थी। इसमें कोई ग्रोथ नहीं दिख रही थी। हमने इसे फिर से शुरू किया। अब हमारे पास लगभग 47,000 मेगावाट की स्थापित जलविद्युत उत्पादन क्षमता है।"

वर्तमान में जलविद्युत भारत की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का केवल 11 प्रतिशत 

गौरतलब है कि वर्तमान में जलविद्युत भारत की कुल स्थापित बिजली उत्पादन क्षमता का केवल 11 प्रतिशत है। मनीकंट्रोल द्वारा देखे गए सीईए आंकड़ों के मुताबिक 1962-63 में, जलविद्युत भारत की संपूर्ण स्थापित क्षमता का 52.78 प्रतिशत था। जल विद्युत को लगभग स्वच्छ ऊर्जा स्रोत माना जाता है। हालांकि इसमें कुछ ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन होता है, लेकिन यह पर्यावरण को कोयले से चलने वाले संयंत्रों से उत्पन्न होने वाली बिजली की तुलना में बहुत कम नुकसान पहुंचाता है।

 18,000 मेगावाट की दूसरी पनबिजली परियोजनाएं निर्माणाधीन 

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