NITI Aayog: गैर-भाजपा शासित राज्यों के CM ने केंद्र को राज्यों पर अपने फैसले नहीं थोपने की नसीहत दी, जानिए ममता ने कहा क्या

रविवार को नई दिल्ली में नीति आयोग (Niti Aayog) की गवर्निंग काउंसिल (Governing Council) की बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्रियों (State Chief Ministers) ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने की

अपडेटेड Aug 08, 2022 पर 10:13 AM
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Nity Aayog की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राज्यों की मदद, फसल बीमा और किसान क्रेडिट कार्ड्सजैसे मसलों पर व्यापक चर्चा हुई।

NITI Aayog Meeting: कुछ Non-BJP शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने केंद्र सरकार से उनपर पर अपने फैसले नहीं थोपने को कहा। उन्होंने केंद्र सरकार से Cooperative Federalism को मजबूत बनाने की अपील केंद्र से की है। साथ ही जीएसटी लागू होने से नुकसान का मुआवजा और पांच साल के लिए बढ़ाने की गुजारिश की।

रविवार को नई दिल्ली में नीति आयोग (Niti Aayog) की गवर्निंग काउंसिल (Governing Council) की बैठक में राज्यों के मुख्यमंत्रियों (State Chief Ministers) ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने की।

इस बैठक में राज्यों से जुड़े कई मसलों पर चर्चा हुई। इनमें फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP), प्राकृतिक आपदा की स्थिति में राज्यों की मदद, फसल बीमा और किसान क्रेडिट कार्ड्स, सिंचाई सुविधाएं, मिनरल्स के रॉयल्टी रेट में संशोधन और राष्ट्रीय शिक्षा नीति जैसे मसले शामिल थे।


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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस बात पर जोर दिया कि केंद्र को राज्य सरकारों की मांगों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्यों सरकार पर कोई नीति थोपी नहीं जानी चाहिए। उन्हें नेशनल एजुकेशन पॉलिसी (NEP) को लागू करने के लिए भी बाध्य नहीं किया जाना चाहिए। बनर्जी ने केंद्र और राज्यों के बीच बेहतर सहयोग पर बल दिया।

केरल के मुख्यमंत्री पिनयारी विजयन ने भी बनर्जी की बातों से सहमति जताते हुए कहा कि केंद्र को संविधान के संघवाद के ढांचे के खिलाफ नहीं जाना चाहिए। जो विषय समवर्ती सूची (Concurrent List) में आते हैं, उन्हें लागू करने के दौरान राज्यों की राय ली जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्र को संविधान की राज्य सूची के तहत आने वाले मसलों पर कानून बनाने से बचना चाहिए।

विजयन ने कहा कि केरल की कर्ज लेने की सीमा (Credit Limit) बढ़ाई जानी चाहिए, क्यों राज्य अब तक कोरोना की महामारी से हुए नुकसान से उबर नहीं सका है। उन्होंने काउंसिल के ध्यान में जीएसटी से जुड़े मसले भी लाए। उन्होंने कहा कि जरूरी चीजों पर टैक्स लागू करने के फैसले पर दोबारा विचार करने की जरूरत है।

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि जीएसटी लागू होने से राज्यों को हो रहे नुकसान के लिए मुआवजा और पांच साल के लिए बढ़ाया जाना चाहिए। उन्होंने कोयला और दूसरे खनिजों के रॉयल्टी रेट में भी संशोधन की मांग की।

छत्तीसगढ़, केरल और राजस्था जैसे गैर-बीजेपी शासित राज्य काफी समय से जीएसटी से होने वाले नुकसान के मुआवजे को और पांच साल के लिए बढ़ा देने की मांग करते रहे हैं। नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को लागू करने के बारे में बघेल ने कहा कि इस दिशा में कई अहम कदम उठाए गए हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक में छत्तीसगढ़ की गोधन न्याय योजना की तारीफ की। उन्होंने कहा कि यह स्कीम किसानों के लिए फायदेमंद है। गाय के गोबर से तैयार वर्मीकम्पोस्ट के इस्तेमाल से खेतों में उत्पादकता बढ़ाने में मदद मिलती है।

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) को कानूनी गारंटी दिए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि इससे किसानों के हितों की सुरक्षा हो सकेगी। उन्होंने केंद्र सरकार से वैकल्पिक फसलों के मजबूत मार्केटिंग सिस्टम बनाने की अपील की।

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