oil PSUs monetization plan : पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने सरकार के स्वामित्व वाली तेल एवं गैस कंपनियों से एसेट मोनेटाइजेशन (asset monetization) के लिए नई योजना तैयार करने के लिए कहा है। दरअसल, इन्फ्रास्ट्रक्चर इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (InvITs) के जरिये तेल और गैस कंपनियों को मोनेटाइज करने का मूल प्लान ठंडे बस्ते में चला गया है।
लाइवमिंट की एक रिपोर्ट के मुताबिक, घटनाक्रम की जानकारी रखने वाले दो अधिकारियों ने कहा कि प्राप्तियों के मोनेटाइजेशन सहित दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है।
15 दिन में नई योजना पेश करें तेल कंपनियां
एक अधिकारी ने कहा, उन्होंने नए रास्तों पर गौर करने के लिए कहा है। उन्होंने दूसरे विकल्पों में संभावनाएं तलाशने के लिए कहा है। सरकार ने कंपनियों से 15 दिन के भीतर अपनी योजनाएं देने के लिए कहा है।
शुरुआती योजना के मुताबिक, तेल और गैस कंपनियों को अपनी कुछ पाइपलाइन इनविट्स को ट्रांसफर करनी थी और उन पाइपलाइनों की हिस्सेदारी बेचनी थी। हाल में कंपनियों ने मंत्रालय को बताया कि इनविट्स के जरिये पाइपलाइनों के मोनेटाइजेशन से पूंजी जुटाना खासा महंगा पड़ेगा। इसके बाद सरकार इस प्लान को ठंडे बस्ते में डालने के लिए राजी हो गई।
पूंजी जुटाना होगा फायदेमंद
एक सूत्र ने कहा, कंपनियों ने बताया कि ऊंची क्रेडिट रेटिंग्स के साथ वे आसानी से और कम लागत पर पूंजी जुटा सकते हैं, जो इनविट्स के इनवेस्टर्स को ऑफर किए जाने वाले रिटर्न की तुलना में ज्यादा लाभकारी होगा।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, “उदाहरण के लिए, नेशनल हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) को कई रोड एसेट्स मिली हैं, लेकिन उसकी साख अच्छी नहीं है। इसलिए इनविट्स से मोनेटाइजेशन उनके लिए बेहतर है। हालांकि, ऐसा रिफाइनरियों के लिए सही नहीं है। आप (तेल और गैस कंपनियां) सस्ती दरों पर लोन ले सकते हैं और खासी प्रतिस्पर्धी दरों पर बाजार से पूंजी जुटा सकते हैं।”
अधिकारी ने कहा कि मोनेटाइजेशन और विभिन्न विकल्पों से ज्यादा पूंजी जुटाने के लिए शर्तों के मामले में सकारात्मक होने की जरूरत है।