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पराली से बनेगी सड़क, नितिन गडकरी ने बनाया खास प्लान, दिल्ली- NCR को प्रदूषण से मिलेगी राहत

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने कहा कि अगले कुछ महीनों पराली को ठिकाने लगाने की एक नई तकनीक आएगी। इसमें पराली का इस्तेमाल बायो-बिटुमेन तैयार करने में किया जाएगा। इससे सड़के बनाई जाएंगी

Edited By: Jitendra Singhअपडेटेड Nov 09, 2022 पर 8:58 AM
पराली से बनेगी सड़क, नितिन गडकरी ने बनाया खास प्लान, दिल्ली- NCR को प्रदूषण से मिलेगी राहत
पराली जलाने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है।

पंजाब और हरियाणा में खेतों में पराली जलाए जाने का असर दिल्ली-NCR की हवाओं पर पड़ता है। पराली जलाने (Stubble Burning) के कारण हवा में बढ़ते प्रदूषण के स्तर के बीच सांस लेना मुश्किल हो जाता है। इस बीच केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) ने पराली सड़क बनाने की टेक्नोलॉजी लाने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह टेक्नोलॉजी 2-3 महीने में आ जाएगी। जिसमें ट्रैक्टर में मशीन लगाकर खेत में पराली का इस्तेमाल बायो-बिटुमन (Bio-Bitumen) बनाने में किया जाएगा। बायो-बिटुमेन का इस्तेमाल सड़क बनाने में किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि इस टेक्नोलॉजी के जरिए पराली की समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा पाया जा सकता है।

गडकरी ने दिया बयान

गडकरी ने मध्य प्रदेश में कुछ सड़क प्रोजेक्ट्स की आधारशिला रखने के बाद कहा कि मैंने एक नई तकनीक की रूपरेखा पेश की है। जिसे हम दो से तीन महीनों में लॉन्च कर देंगे। इस टेक्नोलॉजी में ट्रैक्टर पर लगी एक मशीन से किसानों के खेत पर जाकर पराली से बायो-बिटुमन बनाया जाएगा। इससे सड़के बनाई जाएंगी। गडकरी ने मध्य प्रदेश के आदिवासी जिले मंडला में 1,261 करोड़ रुपये की लागत वाली सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इस दौरान उन्होंने किसानों की बदलती भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि मैं लंबे समय से कह रहा हूं कि देश के किसान ऊर्जा पैदा करने में सक्षम हैं। हमारे किसान सिर्फ अन्नदाता ही नहीं बल्कि ऊर्जादाता भी बन रहे हैं। अब वे सड़क बनाने के लिए बायो-बिटुमन और ईंधन बनाने के लिए एथेनॉल का उत्पादन भी कर सकते हैं। इससे वो बेहतर मुनाफा कमा सकते हैं।

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