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सरकारी बैंकों ने पिछले 3 सालों में किया 3.66 लाख करोड़ का लोन राइट-ऑफ, RTI से मिली जानकारी

RTI आंकड़ों से पता चलता है कि FY23 में केनरा बैंक को छोड़कर सभी सरकारी बैंकों में रिकवरी की तुलना में अधिक कर्ज राइट ऑफ किए गए। उदाहरण के लिए, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 13,024 करोड़ रुपये की रिकवरी की तुलना में 24,061 करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ कर दिए

Edited By: Shubham Singh Thakurअपडेटेड Dec 06, 2023 पर 4:51 PM
सरकारी बैंकों ने पिछले 3 सालों में किया 3.66 लाख करोड़ का लोन राइट-ऑफ, RTI से मिली जानकारी
भारत के सरकारी बैंकों ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 3.66 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को राइट ऑफ (Write-Off) कर दिया।

भारत के सरकारी बैंकों ने पिछले तीन वित्तीय वर्षों में 3.66 लाख करोड़ रुपये के कर्ज को राइट ऑफ (Write-Off) कर दिया। भारतीय रिजर्व बैंक यानी RBI ने 5 अक्टूबर को मनीकंट्रोल द्वारा दायर किए गए आरटीआई के जवाब में यह जानकारी दी है। वहीं, आंकड़ों के मुताबिक इन बैंकों ने इस दौरान सिर्फ 1.9 लाख करोड़ रुपये की वसूली की है। इसका मतलब है कि पिछले तीन वित्तीय वर्षों में पब्लिक सेक्टर के सभी बैंकों द्वारा राइट ऑफ गया कर्ज रिकवर की गई कुल रकम से अधिक है।

RTI से मिली ये जानकारी

वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल रिकवरी FY21 में 58,494 करोड़ रुपये से बढ़कर 67,162 करोड़ रुपये हो गई। इसी अवधि के दौरान, कुल राइट ऑफ 1.18 लाख करोड़ रुपये के मुकाबले 1.31 लाख करोड़ रुपये रहा।

RTI आंकड़ों से पता चलता है कि FY23 में केनरा बैंक को छोड़कर सभी सरकारी बैंकों में रिकवरी की तुलना में अधिक कर्ज राइट ऑफ किए गए। उदाहरण के लिए, देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 13,024 करोड़ रुपये की रिकवरी की तुलना में 24,061 करोड़ रुपये के लोन राइट ऑफ कर दिए।

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