RBI MPC Meet: रिजर्व बैंक की मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) ने सामान्य मानसून की उम्मीदों के बीच मौजूदा वित्त वर्ष में खुदरा महंगाई दर के 4.5% पर रहने के अपने अनुमान को बरकरार रखा है। मॉनिटरी पॉलिसी कमेटी (MPC) की बैठक के बाद गुरुवार 8 अगस्त को मीडिया को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि कि केंद्रीय बैंक का फोकस इनफ्लेशन पर बना रहेगा। यह अभी भी 4 फीसदी के मीडियम टारगेट से ज्यादा है। उन्होंने कहा कि फूड्स की लगातार ऊंची कीमतों ने मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही में महंगाई कम करने के प्रयासों को धीमा किया है। हालांकि साउथ-वेस्ट मानसून में तेजी से खुदरा महंगाई में कुछ राहत मिलने की उम्मीद है।
RBI गवर्नर ने कहा कि कृषि गतिविधियों में सुधार से ग्रामीण उपभोग की संभावनाएं अच्छी दिख रही हैं। वहीं सर्विस सेक्टर की गतिविधियों में निरंतर उछाल से शहरी उपभोग को सपोर्ट मिल रहा है। उन्होंने कहा, "बैंकों और कॉरपोरेट्स की अच्छी बैलेंस शीट; सरकार की ओर से कैपिटल एक्सपेंडिचर पर जोर; और प्राइवेट सेक्टर के इनवेस्टमेंट में तेजी के साफ संकेत निश्चित तौर पर निवेश गतिविधियों को बढ़ावा देंगे।"
सामान्य मानसून की उम्मीद जताते हुए RBI ने कहा कि और पहली तिमाही में महंगाई दर 4.9 प्रतिशत रही। उन्होंने कहा कि पूरे वित्त वर्ष 2024-25 के लिए CPI महंगाई दर के 4.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। इसमें दूसरी तिमाही में 4.4 प्रतिशत; तीसरी तिमाही में 4.7 प्रतिशत; और चौथी तिमाही में 4.3 प्रतिशत का अनुमान है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि लंबे समय से चल रहे भू-राजनीतिक तनाव, अंतरराष्ट्रीय फाइनेंशियल मार्केट्स में अस्थिरता और जियो इकोनॉमिक फ्रेगमेंटेशन से नेगेटिव जोखिम पैदा हो रहे हैं। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक ने मौजूदा वित्त वर्ष के लिए GDP ग्रोथ रेट के अनुमान को 7.2 प्रतिशत पर बरकरार रखा है।