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रूस-यूक्रेन युद्ध, डोमेस्टिक इन्फ्लेशन और फेडरल रिजर्व के महत्वपूर्ण फैसले से इस सप्ताह तय होगी शेयर बाजारों की दिशा

विश्लेषकों का मानना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध, ब्याज दर पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक के निर्णय और घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के आंकड़ों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी

अपडेटेड Mar 13, 2022 पर 4:20 PM
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रुपये का उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल के दाम और फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स का रुख भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेगा

भारतीय शेयर बाजार के लिए आगामी सप्ताह काफी महत्वपूर्ण रहने वाला है। होली के मौके पर शुक्रवार यानी 18 मार्च को बाजार बंद रहेंगे, ऐसे में इस सप्ताह केवल चार दिन ही कारोबार होगा। विश्लेषकों का मानना है कि रूस-यूक्रेन युद्ध, ब्याज दर पर अमेरिकी केंद्रीय बैंक के निर्णय और घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के आंकड़ों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी।

विश्लेषकों का कहना है कि बाजार में अभी उतार-चढ़ाव का सिलसिला बना रहेगा। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने पीटीआई से कहा कि FOMC (Federal Open Market Committee) की बैठक, रूस-यूक्रेन संघर्ष इस सप्ताह बाजार के लिए महत्वपूर्ण वैश्विक कारक रहेंगे। अभी रूस-यूक्रेन तनाव को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है।

फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) की बैठक के नतीजे 16 मार्च को आएंगे। मीणा ने कहा कि इन सबके बीच कच्चे तेल की कीमतें और विदेशी निवेशकों का रुख भी भारतीय बाजारों की दृष्टि से महत्वपूर्ण रहेगा। मुद्रास्फीति के आंकड़े 14 मार्च को आएंगे।


रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा कि यह कम कारोबारी सत्रों वाला सप्ताह रहेगा। सोमवार को बाजार भागीदार औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देंगे। इसी तरह उपभोक्ता मूल्य सूचकांक और थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति के आंकड़े भी आने हैं। अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक के नतीजे 16 मार्च को आएंगे। इनपर सभी की निगाह रहेगी।

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बीते सप्ताह मुंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स 1,216.49 अंक या 2.23 प्रतिशत चढ़ा। वहीं, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) का निफ्टी 385.10 अंक या 2.37 प्रतिशत के लाभ में रहा।

मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के खुदरा शोध प्रमुख सिद्धार्थ खेमका ने कहा कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आ चुके हैं और अब निकट भविष्य में बाजार अन्य महत्वपूर्ण कारकों पर प्रतिक्रिया देगा। रूस-यूक्रेन भू-राजनीतिक तनाव, कच्चे तेल की कीमतों में तेजी, अर्थव्यवस्था पर मुद्रास्फीति दबाव को लेकर रिजर्व बैंक की प्रतिक्रिया आदि पर अब बाजार की निगाह रहेगी। इनके अनुकूल होने तक बाजार में उतार-चढ़ाव कायम रहेगा।

उन्होंने कहा कि रुपये का उतार-चढ़ाव, कच्चे तेल के दाम और फॉरेन इंस्टीट्यूशनल इन्वेस्टर्स का रुख भी बाजार की दिशा को प्रभावित करेगा। सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध और अमेरिकी केंद्रीय बैंक की बैठक इस सप्ताह बाजार के लिए महत्वपूर्ण घटनाक्रम हैं। घरेलू मोर्चे पर मुद्रास्फीति के आंकड़े भी बाजार की दिशा के लिए महत्वपूर्ण होंगे।

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