LIC IPO: सरकार के पास मार्केट रेगुलेटर SEBI के पास के पास नए डॉक्यूमेंट्स फाइल किए बिना जीवन बीमा निगम (LIC) का IPO लाने के लिए 12 मई तक का समय है। समाचार एजेंसी ने PTI ने एक सीनियर अधिकारी के हवाले से इस बात की जानकारी दी है। अधिकारी ने आगे बताया कि अगर सरकार 12 मई तक IPO नहीं ला पाती है, तो उसे दिसंबर तिमाही के नतीजे बताते हुए सेबी के पास नए डॉक्यूमेंट्स फाइल करने होंगे। इतना ही नहीं एम्बेडेड मूल्य (embedded value) को भी अपडेट करना होगा।
बता दें कि LIC का IPO मार्च महीने में लॉन्च करने की योजना थी, लेकिन रूस-यूक्रेन संकट के चलते मामला लटक गया। LIC ने 13 फरवरी 2022 को SEBI के पास IPO के ड्राफ्ट पेपर जमा किए थे, जिसे मार्केट रेगुलेटर ने मंजूरी दे दी
एक अधिकारी ने कहा, सेबी के पास फाइल किए गए डॉक्यूमेंट्स के आधार पर IPO लाने के लिए हमारे पास 12 मई तक का समय है। हम उतार-चढ़ाव पर नजर रखे हुए हैं और जल्द ही कीमत के दायरे के साथ RHP फाइल करेंगे। सेबी के पास फाइल किए LIC के वित्तीय नतीजों और सितंबर 2021 तक का एम्बेडेड वैल्यू की डिटेल थी। DRHP के मुताबिक, सरकार ने पहले LIC के करीब 31.6 करोड़ शेयरों या 5 फीसदी हिस्सेदारी की बिक्री के लिए मार्च में IPO लाने की योजना बनाई थी। इस IPO से करीब 60,000 करोड़ रुपये जुटाने की उम्मीद थी।
मार्च में अगर यह बिक्री नहीं होती है तो सरकार मौजूदा वित्त वर्ष के लिए अपने संशोधित विनिवेश लक्ष्य से पीछे रह जाएगी। इंटरनेशनल वैल्यूएशन फर्म मिलीमैन एडवाइजर्स (Milliman Advisors) ने LIC का एम्बेडेड वैल्यू निकाला है। फर्म के मुताबिक, 30 सितंबर 2021 तक कंपनी का एम्बेडेड वैल्यू 5.4 लाख करोड़ रुपये था। एम्बेडेड वैल्यू में LIC के मार्केट वैल्यूएशन का खुलासा नहीं किया गया है। हालांकि, इंडस्ट्री के मानकों के अनुसार यह एम्बेडेड वैल्यू का करीब तीन गुना होगा।
LIC का IPO भारतीय शेयर बाजार के इतिहास में सबसे बड़ा IPO होगा। एक बार लिस्टिंग होने के बाद, LIC का मार्केट वैल्यूएशन RIL और TCS जैसी टॉप कंपनियों के बराबर होगा।