रूस से कारोबार में अब रुपये में भी लेन-देन हो सकेगा। केंद्रीय बैंक RBI ने महीनों पहले रुपये में अंतरराष्ट्रीय कारोबार के सेटलमेंट के लिए एक मैकेनिज्म लाया था और अब दो भारतीय बैंकों ने इस फ्रेमवर्क के तहत रूसी लेंडर्स से हाथ मिलाया है। यह जानकारी मनीकंट्रोल को एक सीनियर गवर्नमेंट ऑफिशियल ने दी है।
जानकारी के मुताबिक यूको बैंक (UCO Bank) और येस बैंक (Yes Bank) ने रूस के कुछ बैंकों के साथ साझेदारी किया है। इसके तहत कारोबारी लेन-देन में भारतीय रुपये का इस्तेमाल किया जा सकेगा।
आरबीआई ने 11 जुलाई को वैश्विक कारोबार को रुपये में सेटलमेंट करने के लिए एक मैकेनिज्म का ऐलान किया था। इस मैकेनिज्म के तहत सभी आयात-निर्यात के लिए रुपये में भुगतान किया जा सकता है। रुपये में भुगतान कितना करना होगा, इसका आकलन दोनों देशों के बीच के एक्सचेंज रेट के हिसाब से होगा। इस प्रकार के कारोबारी लेन-देन को करने के लिए अधिकृत भारतीय बैंकों को जहां से कारोबार होना है, उस देश के बैंकों के स्पेशल वोस्ट्रो अकाउंट्स खोलने होंगे।
RBI ने क्यों लाया नया मैकेनिज्म
आरबीआई ने रुपये में कारोबारी लेन-देन को भारतीय करेंसी में बढ़ती वैश्विक दिलचस्पी को सपोर्ट करने के लिए लाया है और इसका लक्ष्य वैश्विक कारोबार को बढ़ावा देना है। आरबीआई ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब रूस और यूक्रेन के बीच लड़ाई के चलते रुपये पर लगातार दबाव बढ़ रहा है।
इस साल 2022 में रुपया अब तक अमेरिकी डॉलर की तुलना में 10 फीसदी से अधिक टूट चुका है। रुपये की यह गिरावट थामने के लिए आरबीआई ने रिकॉर्ड मात्रा में विदेशी मुद्रा भी बेचे लेकिन इसका खास असर नहीं दिखा। रुपये ने पहली बार 83 के लेवल को पार कर दिया है।
बैंक इस कारण हिचक रहे अपनाने से
केंद्रीय बैंक आरबीआई ने जुलाई में रुपये ट्रेड सेटलमेंट मैकेनिज्म लाया था। हालांकि पिछले महीने सितंबर में ऐसी खबरें आई थी कि देश के कुछ बड़े बैंक इसे अपनाने से हिचक रहे हैं क्योंकि उन्हें डर है कि रूस की कंपनियों के साथ एग्रीमेंट करने पर पश्चिमी देशों से प्रतिबंधों का सामना करना पड़ सकता है।