दुनिया भर में एनर्जी की कीमतों में उछाल को लेकर चिंता जताई जा रही है। विश्व बैंक की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले दो वर्षों में वैश्विक स्तर पर आर्थिक सुस्ती के चलते एनर्जी की कीमतें कम होंगी लेकिन ऐतिहासिक औसत से के मुकाबले अधिक बनी रहेंगी। इसके अलावा घरेलू करेंसी के टर्म में कई देशों में कीमतें बढ़ी हुई हो सकती हैं क्योंकि कमजोर करेंसी से फूड और एनर्जी क्राइसिस हो सकता है।
विश्व बैंक की अक्टूबर 2022 की कमोडिटी मार्केट्स आउटलुक रिपोर्ट के मुताबिक अगले दो वर्षों में कमोडिटी के भाव में नरमी की उम्मीद है लेकिन पिछले पांच साल के औसत स्तर से अधिक लेवल पर रह सकते हैं।
अगले साल एनर्जी की कीमतें 11 फीसदी और उसके अगले साल 2024 में 12 फीसदी। विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक 2024 के दौरान एनर्जी की कीमतें पांच साल के औसत से करीब 50 फीसदी अधिक रह सकती हैं।
कच्चे तेल और नेचुरल गैस-कोयले को लेकर ये हैं अनुमान
विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक अगले साल वर्ष 2023 में ब्रेंट क्रूड ऑयल औसतन 92 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर रह सकता है जो पांच साल के औसत भाव से 30 डॉलर प्रति बैरल अधिक है। ब्रेंट क्रूड ऑयल का पांच साल का औसत भाव 60 डॉलर प्रति बैरल है। वर्ष 2024 में कुछ नरमी के संकेत दिख रहे हैं और विश्व बैंक की रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2024 में इसके भाव औसतन 80 डॉलर प्रति बैरल पर रह सकते हैं। नेचुरल गैस और कोयले की कीमतें अगले साल 2023 में गिर सकती हैं लेकिन ऑस्ट्रेलियाई कोयला और अमेरिकी नेचुरल गैस पिछले पांच साल के औसत भाव से दोगुने पर पहुंच सकता है।
अगले साल फिर परेशान कर सकती है महंगाई
अनाज की सप्लाई घटने के चलते अगले साल महंगाई परेशान कर सकती है। रूस और यूक्रेन की लड़ाई एक बार फिर वैश्विक स्तर पर अनाजों की सप्लाई प्रभावित कर सकती है। इसके अलावा एनर्जी की बढ़ी कीमतें अनाज और खाने के तेल के भाव मजबूत कर सकते हैं। मौसम के खराब पैटर्न से उत्पादन भी गिरने की आशंका है।