Vedic Study: देश में पुरानी शिक्षा व्यवस्था को फिर से धारदार बनाने की तैयारी शुरू हो गई है। आज से हजारों साल पहले जिस शिक्षा व्यवस्था के जरिए पूरा देश दुनिया में ज्ञान की खान समझा जाता था। अब वहीं शिक्षा व्यस्था फिर से लौट रही है। कुछ ऐसे ही शिक्षा मध्य प्रदेश के हरिसिंह गौर यूनिवर्सिटी में शुरू किया गया है। यह यूनिवर्सिटी मध्य के सागर में है। इस यूनिवर्सिटी में वैदिक स्टटी का नाम का एक अलग से विभाग बनाया गया है। इसके तहत कई कोर्स तैयार किए गए हैं। जिसमें डिग्री, डिप्लोमा, सार्टिफिकेट और पीएचडी भी कर सकते हैं।
ऐसे कोर्स में दाखिला पाने के लिए 12वीं पास होना जरूरी है। वैदिक स्टडी करने वाले छात्रों को भारत की पुरानी संस्कृति, ज्ञान की वास्तविकता और अखंडता को समझेंगे। इसके साथ ही ऐसे कोर्स करने के बाद वो शिक्षक और प्रोफेसर भी आसानी से बन सकते हैं। इतना ही नहीं एसएससी, पीएससी, एमपीपीएससी सहित अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी हिस्सा ले सकते हैं।
देश का पहला वैदिक स्टडी डिपार्टमेंट
यूनिवर्सिटी का वैदिक स्टडी डिपार्टमेंट पूरी तरह से भारतीय ज्ञान और परंपरा के तहत काम कर रहा है। यहां B.A. (Hons) वैदिक स्टडीज, डिप्लोमा कोर्स, सर्टिफिकेट कोर्स, और वैदिक स्टडीज में पीएच.डी कर सकते हैं। बता दें कि B. A. (हॉनर्स) वैदिक स्टडीज में कुल 40 सीटें है। वैदिक स्टडी के नाम से ये देश का पहला विभाग है। कहा जा राह है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी और बीएचयू में भी इस तरह के कोर्स चला जा रहे हैं। लेकिन इनके नाम अलग हैं। डिप्लोमा और सर्टिफिकेट सीधी भर्ती से कर सकते हैं। वहीं डिग्री और पीएचडी के लिए एंट्रेंस एग्जाम पास करना जरूरी है।
वहीं यूनिवर्सिटी की कुलपति प्रोफेसर नीलिमा गुप्ता का कहना है कि वैदिक स्टडीज कोर्स में भारतीय गणित, भारतीय विज्ञान, आयुर्वेद, श्रीमद्भगवद्गीता में आत्म-प्रबंधन, उपनिषदों में शामिल ज्ञान, चरित्र निर्माण जैसे तमाम चीजों को शामिल किया गया है। इसके अलावा इंडियन एजुकेशन पैटर्न, भारतीय दर्शन की वैज्ञानिकता, वैदिक गणित, महर्षि पतंजलि प्रणीत योग जैसे अनेक विषयों को सिलेबस में जगह दी गई है।