Gemologist: आमतौर पर जेम्स यानी रत्नों के बारे में जानने के लिए लोग ज्वेलर्स के पास ही जाते हैं। लेकिन कम ही लोगों को पता होगा कि इन जेम्स को तराशने वाले प्रोफेशनल्स को जेमोलॉजिस्ट कहते हैं। ये जेम्स की पहचान करके इनकी दूसरे मेटल्स के साथ कंपैटिबिलिटी को जांच कर बड़े-बड़े ज्वेलरी हाउसेज और डिजाइनर्स को गाइड करते हैं। अगर आपको जेम्स और कीमती धातुओं के बारे में जानने में रुचि है, तो आप भी अच्छे जेमोलॉजिस्ट (Gemologist) बन सकते हैं। रंग बिरंगे रत्नों की दुनिया और पेशा बहुत पुराना है।
रत्न के बारे में पढ़ाई करना ही जेमोलॉजी है। इसके तहत नेचुरल नग या स्टोन की जांच की जा जाती है। उसके बारे में बारीकी से जानकारी दी जाती है। उन्हें रत्न में मौजूद खामियां और अच्छाई के बारे में आंकलन करना सिखाया जाता है। इसमें वैल्यूएशन, सॉर्टिंग, ग्रेडिंग, डिजाइन, लेटेस्ट ट्रेंड के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाता है। आम तौर पर एक जेमोलॉजिस्ट रत्नों की क्वॉलिटी, गुणों और कीमत के बारे में जानकारी हासिल करता है।
किसी जेमोलॉजिस्ट में बेहतरीन पावर ऑफ ऑब्जर्वेशन, डीटेल्स कर ध्यान देने की क्षमता, जिम्मेदारी का अहसास, क्रिएटिव स्किल्स, कलात्मक अभिरुचि और रंगों के प्रति संवेदनशीलता होना चाहिए। इसके अलावा उसमें अपने दम पर काम करने की स्किल, ऑब्जेक्टिव अप्रोच और एकाग्रता से काम करने की क्षमता भी होनी चाहिए। चूंकि जेम्स को निखारने का जिम्मा जेमोलॉजिस्ट का होता है। लिहाजा जेम्स की कटिंग में उसे महारत हासिल होनी चाहिए। समझ के साथ-साथ डिजाइन्स को लेकर मॉडर्न अप्रोच होना भी बेहद जरूरी है।
जेमोलॉजी में करियर बनाने के लिए बारहवीं पास होना जरुरी हैं। किसी भी स्ट्रीम के कैंडिडेट ये कोर्स कर सकते हैं। इसमें एडमिशन लेने के लिए कोई प्रवेश परीक्षा नहीं होती है। डायरेक्ट एडमिशन मिल जाता है।
जेमोलॉजी या ज्वेलरी डिजाइन का कोर्स कर सकते हैं। आप बैचलर इन फाइन आर्ट्स और उसके बाद मास्टर इन फाइन आर्ट्स कर सकते हैं। इसके अलावा डिप्लोमा प्रोग्राम इन एक्सेसरी डिजाइन, डिप्लोमा इन डायमंड प्रोसेसिंग, सर्टिफिकेशन कोर्सेज इन ग्रेडिंग, कटिंग एंड पॉलिशिंग, डिप्लोमा इन जेम कार्विंग, डिप्लोमा इन स्टोन सेटिंग, डिप्लोमा इन जेम आइडेंटिफिकेशन जैसे कोर्स भी कर सकते हैं।
एक समय पहले तक इसमें लोग सिर्फ खुद के बिजनेस का सेटलमेंट करते थे। समय बदला तो इसमें कमाने के तरीके भी बदले। अब बिजनेस के अलावा नौकरी के भी कई विकल्प मिल सकते हैं। जिसमें अच्छी जानकारी होने पर मनचाहा पैसा मिल सकता है। जिन जगहों पर जॉब मिलती हैं उसमें ज्वेलरी बिज़नेस मैनजेमेंट, जेम एक्सपोर्ट डिपार्टमेंट, जेम टेस्टिंग लैब, ज्वेलरी प्रोडक्ट डिपार्टमेंट ज्विलरी शोरूम, खनन इंडस्ट्री, ज्वेलरी क्रिएशन डिपार्टमेंट इन सब जगहों पर काम किया जा सकता है।
शुरुआती दौर में 3 लाख से लेकर 5 लाख रुपये सालाना पैकेज हो सकता है। जैसे-जैसे अनुभव बढ़ता है। तब जानकारी और संपर्क के आधार पर 8 से 10 लाख रुपये सालाना सैलरी पहुंच जाती है। कहा जाता है कि इस सेक्टर में बहुत तेजी से सैलरी बढ़ती है।
नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ फैशन टेक्नोलॉजी (निफ्ट)
इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ जेमोलॉजी, नई दिल्ली
जेमस्टोन्स आर्टिसन्स ट्रेनिंग स्कूल, जयपुर
जेम एंड ज्वेलरी एक्सपोर्ट प्रमोशनकाउंसिल, जयपुर
द जेमोलॉजिकल इंस्टीटय़ूट ऑफ इंडिया, मुंबई
नेशनल इंस्टीटय़ूट ऑफ डिजाइन, अहमदाबाद
ज्वेलरी डिजाइन एंड ट्रेनिंग इंस्टीटय़ूट, नोएडा