NEET-UG Row: 120 छात्रों से आरोपियों ने ऐंठे 20 लाख रुपये, CBI ने नीट पेपर लीक मामले में किया बड़ा खुलासा
NEET-UG 2024 Paper Leak: सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के असफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका देते हुए उन याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिनमें विवादों में घिरी इस परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी। इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इसकी शुचिता से समझौता होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है
NEET Paper Leak: CBI ने नीट-यूजी पेपर लीक के 'मास्टर माइंड' को पटना से किया गिरफ्तार किया है
NEET-UG 2024 Paper Leak: विवादों में घिरी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) UG 2024 पेपर लीक मामले की जांच कर रही CBI ने बड़ा खुलासा किया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) के सूत्रों के अनुसार, नीट-यूजी पेपर लीक के आरोपियों ने बहुत सावधानी बरती। जालसाजों ने केवल 120 उम्मीदवारों को निशाना बनाया, जिन्होंने चयन के मामले में उन्हें शुरुआती पैसे और 20 लाख रुपये के पोस्ट-डेटेड चेक दिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 के असफल अभ्यर्थियों को बड़ा झटका देते हुए उन याचिकाओं को खारिज कर दिया है, जिनमें विवादों में घिरी इस परीक्षा को रद्द कर दोबारा आयोजित कराने की मांग की गई थी।
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि इसकी शुचिता से समझौता होने और अन्य गड़बड़ियों को दर्शाने वाली कोई सामग्री रिकॉर्ड में नहीं है। सुप्रीम कोर्ट का यह अंतरिम फैसला है और बाद में विस्तृत फैसला सुनाया जाएगा। इस अंतरिम फैसले से केंद्र सरकार और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) को बड़ी राहत मिली है, जो 5 मई को संपन्न परीक्षा में प्रश्नपत्र लीक सहित बड़े पैमाने पर कथित गड़बड़ी को लेकर सड़क से संसद तक कड़ी आलोचना एवं विरोध का सामना कर रही है।
आरोपियों ने बरती सावधानी
सूत्रों ने न्यूज 18 से कहा, "आरोपियों ने यह काम बहुत सावधानी से किया और वे बड़े पैमाने पर लीक की संभावना से अवगत थे। उन्होंने जानबूझकर लोगों के एक बड़े समूह को इसकी पहुंच नहीं दी। वे जानते थे कि अगर पेपर किसी सोशल मीडिया ऐप पर लीक हो गया, तो यह वायरल हो सकता है और अंततः परीक्षा रद्द हो सकती है।" सूत्रों ने बताया कि उन्होंने किसी भी संस्थान से संपर्क करने से भी परहेज किया। सूत्रों ने बताया कि आरोपी सुबह 8:02 बजे कमरे में दाखिल हुए और पेपर की तस्वीरें लेने, बंडल को फिर से पैक करने और सील करने के बाद सुबह 9:23 बजे बाहर निकल गए।
सूत्रों ने आगे बताया, "कोई सोशल मीडिया ट्रांसफर या प्रिंटआउट नहीं था। एक व्यक्ति आया और उसने पेपर को पूरी तरह से हल कर दिया।" सीबीआई सूत्रों ने बताया कि पेपर लीक से चार स्थानों को छोड़कर ज्यादा नुकसान नहीं हुआ, लेकिन उस मामले में भी छात्र इसका ज्यादा फायदा नहीं उठा पाए, क्योंकि वे इतने होशियार नहीं थे और उनके पास समय की कमी थी। उन्होंने कहा, "NTA की भूमिका एक समिति द्वारा तय की जाएगी। हमने राउंड-अप जांच का एक हिस्सा पूरा कर लिया है और अब हम बड़ी साजिश की जांच करेंगे।"
मामले की जांच कर रही है CBI
बता दें कि मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं की जांच कर रही केंद्रीय जांच एजेंसी ने 6 FIR दर्ज की हैं। बिहार की FIR पेपर लीक से संबंधित है, जबकि गुजरात, राजस्थान और महाराष्ट्र की शेष FIR उम्मीदवारों के प्रतिरूपण और धोखाधड़ी से संबंधित हैं। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के संदर्भ पर एजेंसी की FIR NEET-UG 2024 में कथित अनियमितताओं की "व्यापक जांच" से संबंधित है। अब तक की कार्रवाई सीबीआई ने पेपर लीक मामले में एनआईटी-जमशेदपुर के एक बी-टेक ग्रेजुएट और दो एमबीबीएस छात्रों को गिरफ्तार किया।
एमबीबीएस के दो छात्र कुमार मंगलम बिश्नोई (द्वितीय वर्ष) और दीपेंद्र शर्मा (प्रथम वर्ष) राजस्थान के एक मेडिकल स्कूल से हैं। एजेंसी का मानना है कि उन्होंने हजारीबाग में एनटीए ट्रंक से इंजीनियर पंकज कुमार द्वारा चुराए गए परीक्षा के पेपर हल किए थे। गिरफ्तार किए गए आरोपी सॉल्वर मॉड्यूल का हिस्सा थे, जिसमें पांच एमबीबीएस छात्र पहले ही गिरफ्तार हो चुके हैं।
गिरफ्तारी के साथ, मेडिकल प्रवेश परीक्षा में कथित अनियमितताओं से संबंधित छह मामलों में एजेंसी द्वारा अब तक पकड़े गए लोगों की कुल संख्या 21 हो गई है। NEET-UG का आयोजन NTA द्वारा सरकारी और निजी संस्थानों में MBBS, BDS और अन्य संबंधित सब्जेक्ट में एडमिशन के लिए किया जाता है। इस साल, परीक्षा 5 मई को 571 शहरों में 4,750 केंद्रों पर आयोजित की गई थी, जिसमें 14 विदेशी भी शामिल थे। 23 लाख से अधिक उम्मीदवारों ने परीक्षा दी।