NEET UG Exam 2025: ऑनलाइन या फिर पेन और पेपर मोड में होगी नीट परीक्षा? शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दी बड़ी जानकारी

NEET UG Exam 2025: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार (17 दिसंबर) को कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय इस बात पर विचार कर रहे हैं कि मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए होने वाले नीट-यूजी (National Eligibility-Entrance Test Undergraduate) परीक्षा का आयोजन पुराने पैटर्न पेन और पेपर मोड में किया जाए या फिर ऑनलाइन मोड में... इस संबंध में जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है

अपडेटेड Dec 17, 2024 पर 5:43 PM
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NEET UG Exam 2025: केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि नीट परीक्षा के संबंध में जल्द फैसला होने की उम्मीद है

NEET UG Exam 2025: केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने मंगलवार (17 दिसंबर) को कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य मंत्रालय इस बात पर विचार कर रहे हैं कि मेडिकल कोर्सेज में दाखिले के लिए होने वाले नीट-यूजी (National Eligibility-Entrance Test Undergraduate) परीक्षा का आयोजन पुराने पैटर्न पेन और पेपर मोड में किया जाए या फिर ऑनलाइन मोड में... इस संबंध में जल्द ही फैसला होने की उम्मीद है। शिक्षा मंत्रालय ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ दो दौर की वार्ता की है।

वर्तमान में नीट-यूजी का आयोजन ऑफलाइन यानी पेन और पेपर मोड में किया जाता है। इसमें छात्रों को ओएमआर (ऑप्टिकल मार्क रिकॉग्निशन) शीट पर बहुविकल्पीय सवाल हल करने होते हैं। नीट इसमें शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या के लिहाज से देश की सबसे बड़ी प्रवेश परीक्षा है। 2024 में रिकॉर्ड 24 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने यह परीक्षा दी थी।

प्रधान ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, "नीट का प्रशासनिक मंत्रालय स्वास्थ्य मंत्रालय है। इसलिए हम उनके साथ इस विषय पर बात कर रहे हैं कि नीट का आयोजन पेन और पेपर मोड में किया जाना चाहिए या फिर ऑनलाइन मोड में...। जेपी नड्डा के नेतृत्व में स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ हमारी दो दौर की बातचीत हुई है। परीक्षा आयोजित करने के लिए जो भी विकल्प सबसे उपयुक्त माना जाएगा, एनटीए (राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी) उसे स्वीकार करने के लिए तैयार है।"


शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस संबंध में जल्द निर्णय होने की उम्मीद है और जो भी सुधार किए जाएंगे, उन्हें 2025 में लागू किया जाएगा। पीटीआई के मुताबिक उन्होंने कहा, "नीट का आयोजन कैसे किया जाएगा, इसका प्रोटोकॉल क्या होगा... इस पर जल्द फैसला होने की उम्मीद है। हम जल्द इसे अधिसूचित करेंगे।"

ऑनलाइन पर चल रहा विचार?

नीट के लिए कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी) मोड अपनाने का विचार नया नहीं है। इस पर पहले भी कई बार विचार-विमर्श किया जा चुका है। हालांकि, इस साल की शुरुआत में पेपर लीक विवाद के बाद परीक्षा सुधारों पर जोर बढ़ गया है। नीट और पीएचडी प्रवेश परीक्षा एनईटी में कथित अनियमितताओं को लेकर आलोचनाओं के बीच केंद्र ने एनटीए द्वारा परीक्षाओं का पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष आयोजन सुनिश्चित करने के लिए जुलाई में समिति का गठन किया था।

किस कोर्स के लिए कितनी सीटें उपलब्ध?

एनटीए मेडिकल कॉलेज में दाखिले के लिए हर साल नीट आयोजित करता है। एमबीएसएस के लिए कुल 1,08,000 सीट उपलब्ध हैं। एमबीबीएस सिलेबस के लिए उपलब्ध कुल सीटों में से लगभग 56,000 सरकारी अस्पतालों में और 52,000 निजी कॉलेज में हैं। दंत डॉक्टर, आयुर्वेद, यूनानी और सिद्ध में अंडरग्रेजुएट कोर्सेज में एडमिशन के लिए भी नीट के परिणामों का उपयोग किया जाता है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के पूर्व प्रमुख आर राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली उच्च स्तरीय समिति के अनुसार, नीट-यूजी के लिए बहु-चरणीय परीक्षा एक व्यवहार्य विकल्प हो सकती है, जिस पर आगे काम करने की आवश्यकता है। नीट कथित क्वेश्चन पेपर लीक समेत कई अनियमितताओं के कारण विवादों के घेरे में है। वहीं, यूजीसी-नेट को रद्द कर दिया गया, क्योंकि मंत्रालय को सूचना मिली थी कि परीक्षा की शुचिता से समझौता किया गया है। दोनों मामलों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) कर रहा है।

दो अन्य परीक्षाओं, वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद-विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (सीएसआईआर-यूजीसी नेट) और नीट पीजी को एहतियात के तौर पर अंतिम समय में रद्द कर दिया गया। समिति में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) दिल्ली के पूर्व निदेशक रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति बीजे राव, भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के प्रोफेसर एमेरिटस के राममूर्ति, पीपल स्ट्रॉन्ग के सह-संस्थापक एवं कर्मयोगी भारत बोर्ड के सदस्य पंकज बंसल, आईआईटी दिल्ली के छात्र मामलों के डीन आदित्य मित्तल तथा शिक्षा मंत्रालय के संयुक्त सचिव गोविंद जायसवाल भी शामिल हैं।

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समिति को विभिन्न परीक्षाओं के लिए क्वेश्चन पेपर तैयार करने और अन्य प्रक्रियाओं से संबंधित मौजूदा सुरक्षा प्रोटोकॉल की जांच करने और सिस्टम को अधिक मजबूत बनाने के लिए सिफारिशें करने का भी काम सौंपा गया है। समिति ने IIT कानपुर के दो शिक्षाविदों-कंप्यूटर विज्ञान एवं इंजीनियरिंग के प्रोफेसर अमेय करकरे और सहायक प्रोफेसर देबप्रिया रॉय को भी सदस्य के रूप में चुना है।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Dec 17, 2024 5:11 PM

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