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NEET-UG 2024: नीट परीक्षा दोबारा नहीं होगी, सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, कहा- 'एग्जाम में खामी के पर्याप्त सबूत नहीं'

NEET-UG 2024: शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में साफ कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चले कि पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट-यूजी 2024 में हजारीबाग और पटना में क्वेश्चन पेपर लीक हुआ, यह तथ्य विवाद का विषय नहीं है। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने से साफ इनकार कर दिया

अपडेटेड Jul 23, 2024 पर 5:35 PM
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NEET-UG 2024 Paper Leak: सुप्रीम कोर्ट NEET-UG 2024 परीक्षा में कथित पेपर लीक और गड़बड़ी से संबंधित मामलों की सुनवाई पूरी कर ली है

NEET-UG 2024 Supreme Court Hearing: सुप्रीम कोर्ट ने विवादों में घिरी नेशनल एलिजिबिलिटी कम एंट्रेंस टेस्ट (NEET) UG 2024 से जुड़ी याचिकाओं पर अपना फैसला सुना दिया है। शीर्ष अदालत ने नीट-यूजी परीक्षा 2024 को रद्द करने से इनकार कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार (23 जुलाई) को अपने फैसले में कहा कि परीक्षा में खामी के पर्याप्त सबूत नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि परीक्षा रद्द करने की मांग जायज नहीं है। अदालत ने कहा कि यह निष्कर्ष निकालने के लिए सामग्री का अभाव है कि नीट-यूजी 2024 परीक्षा के परिणाम में गड़बड़ी हुई है या इसमें व्यवस्थागत खामी है।

नहीं मिले सबूत

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में साफ कहा कि ऐसा कोई सबूत नहीं है जिससे पता चले कि पूरी परीक्षा की पवित्रता प्रभावित हुई है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि नीट-यूजी 2024 में हजारीबाग और पटना में क्वेश्चन पेपर लीक हुआ, यह तथ्य विवाद का विषय नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसे एहसास है कि मौजूदा साल के लिए नए सिरे से NEET-UG का निर्देश देना गंभीर परिणामों से भरा होगा, जिसका असर इस परीक्षा में शामिल होने वाले 24 लाख से ज़्यादा छात्रों पर पड़ेगा।


इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने नीट-यूजी 2024 को रद्द करने और दोबारा परीक्षा कराने से साफ इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने विवादों में घिरी नीट-यूजी 2024 परीक्षा से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई शुरू करते हुए कहा कि इसके सामाजिक प्रभाव हैं। पीठ ने कहा कि 8 जुलाई 2024 के अंतरिम आदेश में मुख्य मुद्दों को पारंपरिक रूप से उठाते हुए इस अदालत ने NTA, केंद्र और CBI से खुलासा करने को कहा था।

नीट-यूजी 2024 में भौतिक विज्ञान के सवालों को लेकर हुए विवाद पर सुप्रीम कोर्ट को आईआईटी-दिल्ली के विशेषज्ञों से मिली रिपोर्ट में कहा गया है कि केवल एक सही जवाब था न कि दो। विशेषज्ञ समिति ने साफ तौर पर कहा है कि केवल एक सही विकल्प था, जो कि विकल्प नंबर चार था, राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) सही थी।

4 मई को लीक हुआ था एग्जाम पेपर?

याचिकाकर्ताओं-छात्रों के वकील की ओर से पेश वरिष्ठ वकील नरेंद्र हुड्डा ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि बिहार पुलिस की जांच के बयानों में कहा गया है कि लीक 4 मई को हुआ था। हुड्डा ने कहा कि हमने डेटा के आधार पर एक नोट पेश किया है। वे पेपर लीक होने की बात स्वीकार करते हैं, वे व्हाट्सएप पर प्रसार होने की बात स्वीकार करते हैं। बिहार पुलिस की सामग्री से पता चलता है कि छात्रों को 4 तारीख को लीक पेपर दिए गए थे। लीक 5 मई की सुबह नहीं हुआ जैसा कि बताया गया था।

हुड्डा ने कहा कि उनका यह कहना कि यह घटना 5 तारीख की सुबह हुई, विश्वास करना कठिन है और यह बिहार पुलिस की रिपोर्ट के विपरीत है। उन्होंने कहा कि क्वेश्चन पेपर के संबंधित बैंकों में जमा होने से पहले ही लीक हो गया। यानी 3 मई या उससे पहले। हुड्डा ने कहा कि यह कोई चपरासी नहीं है जो पेपर रूम में गया और 5-10 छात्रों को दे दिया। यह किसी गिरोह का काम था जो पहले भी ऐसा कर चुका है। संजीव मुखिया और बाकी सभी को गिरफ्तार नहीं किया गया है।

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सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अमित आनंद बिचौलिया है। वह 4 तारीख की रात को छात्रों को इकट्ठा कर रहा था ताकि 5 तारीख को पेपर मिल सके। 5 तारीख को पेपर मिलने वाली जगह पर नीतीश कुमार थे। बयान पढ़ने के बाद CJI ने कहा कि इससे पता चलता है कि छात्रों को 4 तारीख की रात को याद करने के लिए कहा गया था, जिसका मतलब है कि लीक 4 तारीख से पहले हुई थी।

नीट का ऑनलाइन रिजल्ट जारी

सुप्रीम कोर्ट ने 18 जुलाई को NTA को अभ्यर्थियों की पहचान गुप्त रखते हुए 20 जुलाई की दोपहर 12 बजे तक नीट-यूजी 2024 के केंद्रवार और शहरवार परिणाम घोषित करने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि वह इस बात का पता लगाना चाहता है कि कथित रूप से दागी केंद्रों पर परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को अन्य स्थानों के अभ्यर्थियों की तुलना में अधिक अंक मिले हैं या नहीं।

5 मई को हुआ था एग्जाम

5 मई को 23.33 लाख से अधिक अभ्यर्थियों ने 571 शहरों के 4,750 केंद्रों पर नीट-यूजी परीक्षा दी थी। इन शहरों में 14 विदेशी शहर भी शामिल थे। केंद्र और NTA ने सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामों में कहा था कि बड़े पैमाने पर गोपनीयता के उल्लंघन के किसी भी सबूत के अभाव में परीक्षा को रद्द करना प्रतिकूल होगा और यह लाखों ईमानदार अभ्यर्थियों को गंभीर रूप से खतरे में डालेगा। देशभर के सरकारी और निजी मेडिकल संस्थानों में एमबीबीएस, बीडीएस, आयुष और अन्य संबंधित सब्जेक्ट में एडमिशन के लिए NTA द्वारा नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की जाती है।

Akhilesh

Akhilesh

First Published: Jul 23, 2024 5:15 PM

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