शिक्षा मंत्रालय ने 22 जून, 2024 को नेशनल टेस्टिंग एजेंसी यानी NTA के परीक्षा कराने की पूरी प्रक्रिया की जांच करने के लिए एक हाई लेवल कमेटी बनाई थी। ISRO के पूर्व चेयरमैन डॉ. के. राधाकृष्णन इस पैनल का अध्यक्षता कर रहे हैं। समिति ने अब एजेंसी की परीक्षा प्रक्रिया में सुधारों की सिफारिश करने के लिए कई पक्षों, विशेष तौर से छात्रों और माता-पिता से सुझाव, राय और उनके विचार मांगे हैं। ये सुझाव 27 जून से 7 जुलाई 2024 के बीच दिए जा सकते हैं।
परीक्षाओं में कथित गड़बड़ी और खामियों को लेकर उठते विवाद के बीच ISRO के पूर्व प्रमुख आर राधाकृष्णन की अध्यक्षता वाली समिति को परीक्षा प्रक्रिया में सुधार करने पर सिफारिशें देने, डेटा सुरक्षा के प्रोटोकॉल का विस्तार करने और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) के स्ट्रक्चर और काम करने के तौर तरीके की समीक्षा करने का काम सौंपा गया है।
न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, शिक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "समिति हितधारकों से, खासकर छात्रों और अभिभावकों से 27 जून से सात जुलाई, 2024 तक सुझाव और विचार देने को कह रही है। MyGov प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके भी सुझाव दिए जा सकते हैं।"
मेडिकल एंट्रेंस परीक्षा NEET और UGC-NET परीक्षा में कथित अनियमितताओं के मुद्दे पर केंद्र ने पिछले हफ्ते नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) के माध्यम से परीक्षाओं के पारदर्शी तरीके से सुचारू और निष्पक्ष आयोजन के लिए ये समिति बनाई थी।
5 मई को आयोजित NEET-UG 2024 अंडर ग्रेजुएट परीक्षा के लिए लगभग 24 लाख छात्र मौजूद हुए थे। नतीजे 14 जून को जारी होने वाले थे, लेकिन 4 जून को तय समय से पहले ही घोषित कर दिए गए।
NEET पेपर पर क्यों मचा बवाल?
रिजल्ट आने के तुरंत बाद, ये पाया गया कि NTA ने 1,500 से ज्यादा छात्रों को ग्रेस मार्क्स दिए थे, जिसके कारण जबरदस्त विरोध प्रदर्शन और कानूनी कार्रवाई हुई। कई छात्रों और अभिभावकों ने प्रश्न पत्र लीक होने का दावा किया।
एनटीए ने 23 जून को 1563 छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा कराई थी, जिसमें से 813 उम्मीदवार इसमें शामिल हुए थे। नतीजे 30 जून को आने की उम्मीद है।
CBI अब NEET UG पेपर लीक से जुड़े करीब छह मामलों की जांच कर रही है और गुरुवार को बिहार से दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इसके अलावा, हजारीबाग के एक स्कूल प्रिंसिपल से पिछले 48 घंटों से CBI पूछताछ कर रही है।