सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म टेलीग्राम ने शुक्रवार को कहा कि उसने UGC-NET का पेपर लीक करने में शामिल चैनलों के खिलाफ एक्शन लिया है। पेपर लीक के कारण प्रतियोगी परीक्षा रद्द करनी पड़ी है। क्लाउड-बेस्ड इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस प्लेटफॉर्म ने बताया, “हमने उन सभी चैनलों को ब्लॉक कर दिया है, जो एग्जाम पेपर से जुड़े गैर-कानूनी कंटेंट लीक में शामिल थे। हम देश के कानून के अनुपालन में सरकारी अधिकारियों को उनकी जांच में सहयोग कर रहे हैं।''
News18 के मुताबिक, प्लेटफॉर्म ने कहा, "जब भी हमें पब्लिक कंटेंट की वैधता के संबंध में हमारे किसी हेल्पडेस्क पर कोई शिकायत मिलती है, तो हम जरूरी कानूनी जांच करते हैं और IT एक्ट 2000 के दिशानिर्देशों के अनुसार इसे हटा देते हैं।"
कैसे हुआ पेपर लीक का खुलासा?
ये जवाब उन आरोपों के बाद आया है कि टेलीग्राम ऐप पर ही UGC-NET प्रश्न पत्र लीक हुआ था। News18 ने इन चैनलों का पता लगाने और उन्हें हटाए जाने के समय के बारे में ज्यादा स्पष्टीकरण और ज्यादा जानकारी के लिए टेलीग्राम से संपर्क किया है।
जूनियर रिसर्च फेलो, असिस्टेंट प्रोफेसर और PhD विद्वानों के चयन के लिए UGC-NET, 2024 परीक्षा 18 जून को देश भर में दो शिफ्ट में नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) की तरफ से आयोजित की गई थी।
अगले दिन, यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन को भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (l4C) की नेशनल साइबर क्राइम थ्रेट एनालिटिक्स यूनिट से इनपुट मिला कि पेपर डार्कनेट पर उपलब्ध था और कथित तौर पर मैसेजिंग प्लेटफॉर्म पर बेचा जा रहा था। ये यूनिट केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करता है।
शिक्षा मंत्री ने की पेपर लीक की पुष्टि
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के निर्देश पर गुरुवार को CBI ने UGC-NET पेपर लीक मामले में अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ FIR दर्ज की।
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए, केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पुष्टि की थी कि टेलीग्राम पर वायरल हुआ लीक प्रश्न पत्र असल से मेल खाता है।
सरकार ने कहा है, "नए सिरे से परीक्षा आयोजित की जाएगी, जिसके लिए जानकारी अलग से साझा की जाएगी।"
CBI और 14C मिल कर काम कर रहे हैं
कथित तौर पर CBI अपराधियों को पकड़ने के लिए अपने खुद के डार्कनेट एक्सप्लोरेशन सॉफ्टवेयर और सिस्टम शुरू करते समय I4C के साथ मिल कर काम करेगी।
अधिकारियों ने कहा कि शिक्षा मंत्रालय की शिकायत के अनुसार, I4C के इनपुट, "शुरुआती संकेत देते हैं कि परीक्षा की अखंडता से समझौता किया गया है।"