India Canada Relations: क्यों बिगड़े भारत और कनाडा के रिश्ते, कब और कैसे शुरू हुआ ये पूरा विवाद? समझें पूरा मामला

India Canada Faceoff: रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के कमिश्नर माइक ड्यूहेम ने दावा किया, “ये बेहद ही असाधरण स्थिति है। देश में हुईं पिछले कुछ आपराधिक घटनाओं को लेकर चल रही हमारी जांच में हमें भारत सरकार के एजेंट्स की संलिप्तता का पता चला है, इसलिए हम ये बोलने के लिए मजबूर हैं

अपडेटेड Oct 15, 2024 पर 6:46 PM
Story continues below Advertisement
India Canada Relations: क्यों बिगड़े भारत और कनाडा के रिश्ते, कब और कैसे शुरू हुआ ये पूरा विवाद

भारत और कनाडा के बीच रिश्ते बद से बदतर होते जा रहे हैं। सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से दोनों देशों के बीच तनाव गहरा होता जा रहा था, जिसमें सोमवार एक नया मोड़ आया। इसकी शुरुआत सोमवार को तब हुई, जब कनाडा पुलिस और उसके अधिकारियों ने निज्जर की हत्या के तार कनाडा में भारत की हाई कमिश्नर और दूसरे अधिकारियों के साथ जोड़ने की कोशिश की और उन पर गंभीर आरोप लगाए, जिसे भारत ने सीरे से खारिज कर दिया।

सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) के कमिश्नर माइक ड्यूहेम ने दावा किया, “ये बेहद ही असाधरण स्थिति है। देश में हुईं पिछले कुछ आपराधिक घटनाओं को लेकर चल रही हमारी जांच में हमें भारत सरकार के एजेंट्स की संलिप्तता का पता चला है, इसलिए हम ये बोलने के लिए मजबूर हैं।"

कनाडा की पुलिस ने लगाए ये आरोप


RCMP की वेबसाइट पर एक रिलीज जारी की गई है, जिसमें कुछ आरोपों की जानकारी दी गई है। इसमें कहा गया, "RCMP को ऐसे सबूत मिले हैं, जिसमें चार बहुत गंभीर मुद्दे सामने आए हैं: पहला दोनों देशों को प्रभावित करने वाला हिंसक उग्रवाद; दूसरा भारत सरकार (जीओआई) के एजेंटों का हत्याओं और हिंसक गतिविधायों से लिंक; कनाडा में दक्षिण एशियाई समुदाय को टारगेट करना और संगठित अपराध का इस्तेमाल और लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं में हस्तक्षेप।"

इसमें आगे कहा गया, जांच से पता चला है कि कनाडा में भारतीय राजनयिकों और कांसुलर अधिकारियों ने गुप्त गतिविधियों में शामिल होने के लिए अपने आधिकारिक पदों का गलत फायदा उठाया। सबूत यह भी बतलाते हैं कि भारत सरकार के एजेंटों ने जानकारी इकट्ठा करने के लिए कनाडा और विदेशों में अलग-अलग तरह की संस्थाओं का इस्तेमाल किया है। इनमें से कुछ व्यक्तियों और व्यवसायों को भारत सरकार के लिए काम करने के लिए मजबूर किया गया और धमकाया गया। भारत सरकार के लिए इकट्ठा की गई जानकारी का इस्तेमाल दक्षिण एशियाई समुदाय के लोगों को टारगेट करने के लिए किया जाता है।"

भारत का जवाबी एक्शन

जवाब में भारत ने सोमवार को कनाडा को अपने राजनयिक के खिलाफ इस तरह के ‘‘मनगढ़ंत’’ आरोपों के खिलाफ कार्रवाई की चेतावनी दी थी। भारत ने एक सख्त जवाब में उच्चायुक्त संजय कुमार वर्मा के खिलाफ आरोपों को पुरजोर तरीके से खारिज कर दिया और आरोपों को ‘बेतुका’ बताते हुए इन्हें ट्रूडो सरकार के राजनीतिक एजेंडे से जुड़ा बताया इसे वोट बैंक की राजनीति पर आधारिक बताया।

MEA ने कहा, "हमें रविवार को कनाडा से एक डिप्लोमैटिक कम्युनिकेशन मिला था। इसमें बताया गया है कि कनाडा में चल रही एक जांच में भारत के उच्चायुक्त और दूसरे राजनयिकों का कनेक्शन सामने आया है। भारत सरकार इन बेतुके आरोपों को सिरे से नकारती है। कनाडा की ट्रूडो सरकार वोट बैंक साधने के लिए ऐसा कर रही है।"

इसके बाद भारत ने कनाडा के छह राजनयिकों को निष्कासित कर दिया और कनाडा से अपने उच्चायुक्त और ‘‘निशाना बनाए जा रहे’’ दूसरे राजनयिकों और अधिकारियों को देश वापस बुलाने की घोषणा की। विदेश मंत्रालय ने कनाडा के प्रभारी राजदूत स्टीवर्ट व्हीलर्स को तलब किया। व्हीलर्स को साफ शब्दों में संदेश दिया गया कि भारतीय उच्चायुक्त संजय वर्मा और दूसरे राजनयिकों और अधिकारियों को निराधार तरीके से निशाना बनाना पूरी तरह नामंजूर है।

विदेश मंत्रालय का अल्टिमेटम

विदेश मंत्रालय ने कहा, "ट्रूडो सरकार के रवैए के कारण भारतीय राजनयिकों की सुरक्षा खतरे में है। हमें वर्तमान सरकार में कोई भरोसा नहीं है। इसी को देखते हुए भारत सरकार ने कनाडा से अपने उच्चायुक्त समेत अन्य राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला किया है। हमने कनाडा को बता दिया है कि ट्रूडो सरकार जिस तरह से भारत के खिलाफ अलगाववाद और अतिवाद का समर्थन कर रही है, उसके खिलाफ भारत के पास जवाब देने का अधिकार है।"

विदेश मंत्रालय ने देर शाम जारी बयान में कहा कि भारत ने प्रभारी राजदूत व्हीलर्स और उप उच्चायुक्त पैट्रिक हेबर्ट सहित कनाडा के छह राजनयिकों को 19 अक्टूबर की रात 11:59 बजे तक या उससे पहले भारत छोड़ने को कहा है।

कनाडा ने भारतीय राजनयिकों को किया निष्कासित

हालांकि, इसके बाद अमेरिकी अखबार ‘वाशिंगटन पोस्ट’ ने कनाडा के कुछ अधिकारियों का नाम जाहिर किए बिना उनके हवाले से खबर छापी कि कनाडा ने सोमवार को छह भारतीय राजनयिकों को देश छोड़ने का आदेश दिया है, जिनमें वर्मा और टोरंटो में वाणिज्य दूतावास के शीर्ष अधिकारी शामिल हैं। समझा जाता है कि वर्मा और दूसरे अधिकारी अगले कुछ दिन में कनाडा से लौट आएंगे।

इतना कुछ होने के बाद भी कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की टोन में कोई बदलाव नहीं आया और उल्टा भारत पर भी जांच में सहयोग नहीं करने आरोप लगाया।

ट्रूडो ने भारत पर फिर लगाए गंभीर आरोप

ट्रूडो ने ओटावा में जल्दबाजी में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की और कहा, स्थिति बिल्कुल ठीक नहीं है। हम सिर्फ यही चाहते हैं कि कनाडा के लोगों को उनके समुदायों में, उनके घरों में हिंसा का सामना न करना पड़े... हम यह भी चाहते हैं कि भारत के साथ संबंधों में भी तनाव पैदा न हो।"

उन्होंने कहा, "इसलिए हमने पिछले हफ्ते अपनी सुरक्षा एजेंसियों, राजनयिकों और पुलिस एजेंसियों के जरिए भारत सरकार से संपर्क किया, ताकि इस गहरे मतभेद को दूर करने का रास्ता खोजा जा सके... कनाडा के लोगों की रक्षा की जा सके... वहीं भारत और कनाडा के बीच के अच्छे संबंध प्रभावित नहीं हों।"

कनाडा के प्रधानमंत्री ने कहा कि दुर्भाग्य से, भारत ने "हमारे साथ काम करने का विकल्प नहीं चुना है। उन्होंने इस सरकार के खिलाफ व्यक्तिगत हमले करने, उसे नकारने और उसे पीछे धकेलने का विकल्प चुना और हमारी एजेंसियों और संस्थानों की ईमानदारी पर सवाल उठाया। इसलिए हमें कनाडा के लोगों की सुरक्षा के लिए जवाब देना पड़ा है।"

ट्रूडो ने आरोप लगाया, "मेरा मानना ​​है कि भारत ने अपने राजनयिकों और संगठित अपराध का इस्तेमाल करके कनाडा के लोगों पर हमला करने, उन्हें अपने घरों में असुरक्षित महसूस कराने और इससे भी बढ़कर हिंसा और यहां तक ​​कि हत्या की वारदातों को अंजाम देने का रास्ता चुनकर एक बड़ी गलती की है। यह अस्वीकार्य है।"

ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने पिछले हफ्ते इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की थी।

भारत साथ मिलकर नहीं कर रहा काम: ट्रूडो

उन्होंने कहा, "जैसा कि RCMP कमिश्नर ने पहले कहा था, उनके पास साफ सबूत हैं कि भारत सरकार के एजेंट ऐसी गतिविधियों में शामिल रहे हैं और अभी भी शामिल हैं। इससे पब्लिक सिक्योरिटी के लिए गंभीर खतरा पैदा होता है, जिनमें सीक्रेट इनफॉर्मेशन जुटाने की तकनीक, दक्षिण एशियाई कनाडाई लोगों को निशाना बनाकर उनके साथ गलत व्यवहार करना और हत्या सहित एक दर्जन से ज्यादा धमकी भरे और हिंसक कारनामों में उनके नाम शामिल हैं।'

ट्रूडो ने दावा किया कि RCMP और राष्ट्रीय सुरक्षा अधिकारियों ने इस मामले में भारत के साथ मिलकर काम करने की कोशिश की है, लेकिन उन्हें बार-बार खारिज कर दिया गया है।

उन्होंने आरोप लगाया, "यही कारण है कि इस वीकेंड, कनाडाई अधिकारियों ने एक असाधारण कदम उठाया। उन्होंने RCMP के सबूत शेयर करने के लिए भारतीय अधिकारियों से मुलाकात की, जिसमें निष्कर्ष निकला कि भारत सरकार के छह एजेंट आपराधिक गतिविधियों में कथित रूप से शामिल हैं।' उन्होंने दावा किया, "भारत से बार-बार अनुरोध के बावजूद, उसने सहयोग न करने का फैसला किया है।"

हरदीप सिंह निज्जर की हत्या

इस पूरे विवाद की जड़ में सिख अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या का मामला है। निज्‍जर की 18 जून 2023 को कनाडा में गोली मारकर हत्‍या कर दी गई थी। सरे के गुरुनानक गुरुद्वारा के बाहर हरदीप सिंह निज्‍जर की हत्‍या के बाद हमलावर मौके से फरार हो गया था। निज्जर इसी गुरुद्वारा कमेटी का अध्यक्ष भी था। निज्जर लंबे समय से भारत विरोधी और हिंसक गतिविधियों में शामिल था। भारत सरकार ने उस पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था।

हरदीप सिंह निज्जर जालंधर के गांव भार सिंह पुरा के रहने वाला था। निज्जर खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख था और खालिस्तान टाइगर फोर्स के सदस्यों के ऑपरेशन, नेटवर्किंग, ट्रेनिंग और पैसे से मदद देने में सक्रिय रूप से शामिल था।

ट्रूडो ने पहले भी उठाए थे सवाल

18 सितंबर को कनाडा की संसद में प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि निज्जर की हत्या के पीछे "भारत सरकार की संभावित संलिप्तता के आरोपों" की जांच की जा रही है।

इसके बाद मई 2024 के पहले हफ्ते में कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एक बार फिर निज्जर की हत्या और भारत के साथ संबंधों का जिक्र किया, तब भी भारत ने इस पर आपत्ति जताई।

इससे पहले अक्टूबर 2023 में भारत ने 40 कनाडाई राजनयिकों की राजनयिक छूट रद्द कर दी थी। इसके चलते कनाडाई दूतावास के करीब दो-तिहाई स्टाफ को भारत छोड़कर वापस जाना पड़ा। भारत ने कहा था कि कनाडा सिख अलगाववादियों को छूट दे रहा है, जो न भारत के लिए और न ही उसके लिए अच्छा है।

India Canada Clash: ट्रूडो की मजबूरी, खालिस्तानी है जरूरी! आम चुनाव जीतने के लिए कनाडा-भारत के राजनयिक संबंधों की चढ़ा दी भेंट

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।