India Canada Clash: ट्रूडो की मजबूरी, खालिस्तानी है जरूरी! आम चुनाव जीतने के लिए कनाडा-भारत के राजनयिक संबंधों की चढ़ा दी भेंट

विदेश मंत्रालय ने एक तीखा बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि कनाडा ने बार-बार अनुरोध के बावजूद "निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के सबूत का एक टुकड़ा" भी शेयर नहीं किया और ट्रूडो पर वोट बैंक की राजनीति करने आरोप लगाया। MEA ने ये भी कहा कि कनाडा की धरती पर अलगाववादी तत्वों से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाया जा रहा है

अपडेटेड Oct 15, 2024 पर 6:47 PM
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India Canada Clash: ट्रूडो की मजबूरी, खालिस्तानी है जरूरी! आम चुनाव जीतने के लिए कनाडा-भारत के राजनयिक संबंधों की चढ़ा दी भेंट

भारत और कनाडा के खराब रिश्तों के पीछे कई बड़े कारण हो सकते हैं, लेकिन एक सबसे कारण है कनाडा में अगले साल होने वाले आम चुनाव, जिसमें जीतने के लिए जस्टिन ट्रूडो एड़ी चोटी का जोर लगा रहे है। सूत्रों ने बताया कि आखिर क्यों जस्टिन ट्रूडो खालिस्तानी चरमपंथी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या पर कनाडा और भारत के बीच तनाव इतने क्यों बढ़ने दे रहे हैं और क्यों उन्होंने ऐसे रुख अपनाया। नई दिल्ली और ओटावा के बीच राजनयिक विवाद ने सोमवार को एक नया मोड़ ले लिया, जब कनाडा ने इंडियन हाई कमिश्नर संजय कुमार वर्मा के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए और मामले का नाम लिए बिना उन्हें 'पर्सन ऑफ इंटरेस्ट' करार दिया।

दावों पर प्रतिक्रिया देते हुए, विदेश मंत्रालय ने एक तीखा बयान जारी किया, जिसमें कहा गया कि कनाडा ने बार-बार अनुरोध के बावजूद "निज्जर की हत्या में भारत की संलिप्तता के सबूत का एक टुकड़ा" भी शेयर नहीं किया और ट्रूडो पर वोट बैंक की राजनीति करने आरोप लगाया। MEA ने ये भी कहा कि कनाडा की धरती पर अलगाववादी तत्वों से निपटने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाया जा रहा है।

सिखों का समर्थन चाहते हैं ट्रूडो


खालिस्तानी आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर की 18 जून, 2023 को कनाडा के सरे में एक गुरुद्वारे के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। सूत्रों ने कहा, पिछले एक साल से भारत हत्या से जुड़े मामले में सबूत मांग रहा है, लेकिन कनाडा से ढुलमुल प्रतिक्रिया ही मिली है।

हमारे सहयोगी चैनल CNN-News18 ने टॉप इंटेलिजेंस सोर्स के हवाले से बताया कि हताश जस्टिन ट्रूडो अगले साल संसद में खुद को बचाने के लिए सिखों का समर्थन चाहते हैं। इसलिए उन्होंने अपने घरेलू चुनाव के लिए राजनयिक संबंधों की भेंट चढ़ा दी।

खालिस्तानी मुद्दे को फिर से जिंदा करना होगा

इंटेल सोर्स ने कहा कि ट्रूडो को अपने अस्तित्व के लिए NDP नेता जगमीत सिंह के समर्थन की जरूरत है और वह अल्पमत सरकार चलाने के लिए सत्ता में बने रहना चाहते हैं।

उन्होंने बताया, जगमीत सिंह अपने वोट बैंक के कारण खालिस्तानी समर्थक हैं। उन्होंने ट्रूडो से साफ कह दिया है कि सिखों का समर्थन हासिल करने के लिए उन्हें खालिस्तानी मुद्दे को फिर से जिंदा करना होगा। हालांकि, ट्रूडो कनाडा के मुख्यधारा के मतदाताओं पर अपनी पकड़ खोते जा रहे हैं और उदारवादी मतदाता भी उनके साथ नहीं हैं।

कनाडा बनता जा रहा खालिस्तानियों का गढ़

इन सूत्रों का कहना है कि "वे1984 के बाद पैदा हुई पीढ़ी के लिए खालिस्तान, ऑपरेशन ब्लूस्टार और भिंडरावाले को पेश कर रहे हैं। खालिस्तानियों ने कनाडा के भीतर एक बड़ी आतंकी ताकत खड़ी की है। इतना ही नहीं वे हत्याएं, बम विस्फोट और गैर-कानूनी गतिविधियों को भी अंजाम दे रहे हैं।"

ये कहना गलत नहीं होगा कि कनाडा गैंगस्टर और खालिस्तानी गुंडों और अपराधियों का गढ़ बनता जा रहा है, जहां उन्हें फास्ट-ट्रैक बेस पर शेल्टर, वीजा और नागरिकता दी जाती है।

भारत सरकार का साफ रुख है कि ट्रूडो सरकार हमारी तरफ से किए गए कई प्रत्यर्पण अनुरोधों पर सहयोग नहीं कर रही है। डेली बेसिस पर, सिख फॉर जस्टिस (SFJ) का गुरपतवंत सिंह पन्नू सोशल मीडिया पर भारतीय राजनयिकों को धमकी दे रहा है और हत्याओं समेत भारत में कई अवैध गतिविधियां चला रहे है।

आम चुनावों में ट्रूडो की होगी हार!

कई एक्सपर्ट का ये भी मानना है कि भारतीय अधिकारियों को लगता है कि अक्टूबर 2025 में कनाडा में होने वाले आम चुनावों में जस्टिन ट्रूडो हार जाएंगे और तब एक नई शुरुआत करने का मौका मिलेगा।

भारत ने सोमवार को कनाडा से अपने राजनयिकों को वापस बुला लिया, जिसके बाद रॉयल कैनेडियन माउंटेड पुलिस (RCMP) ने नई दिल्ली पर कनाडा की धरती पर 'गंभीर आपराधिक गतिविधि' में सीधे तौर पर शामिल होने का आरोप लगाया।

हालांकि, ओटावा ने ऐसा कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया, जो उसके दावे को मजबूत कर सके। लेकिन आरोप लगाया कि ओटावा में भारत सरकार के 'एजेंट' कथित तौर पर खालिस्तानी समर्थकों को निशाना बनाने के लिए लॉरेंस बिश्नोई गैंग के साथ काम कर रहे हैं।

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