प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने मंगलवार को कहा कि भारत में अगले 5 से 6 साल में एनर्जी सेक्टर (Energy Sector in India) में 67 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश होगा। साथ ही उन्होंने वैश्विक निवेशकों को भारत की विकास गाथा का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने गोवा में 'इंडिया एनर्जी वीक (India Energy Week)' के दूसरे संस्करण का उद्घाटन करते हुए कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था 7.5 प्रतिशत से अधिक की दर से बढ़ रही है। देश जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
उन्होंने वैश्विक कंपनियों को भारत के ऊर्जा क्षेत्र की वृद्धि का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करते हुए कहा कि देश को 2030 तक अपनी रिफाइनिंग क्षमता 254 MMTPA (मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष) से बढ़ाकर 450 MMTPA करने की उम्मीद है। PM ने कहा, "अगले पांच-छह वर्षों में भारत में एनर्जी सेक्टर में 67 अरब डॉलर का निवेश होने जा रहा है।" प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत एनर्जी सेक्टर में अभूतपूर्व निवेश कर रहा है जो पहले कभी नहीं हुआ।
पीएम मोदी ने कहा कि भारत कच्चे तेल तथा LPG का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता और LNG का चौथा सबसे बड़ा आयातक है। प्रधानमंत्री ने वैश्विक समस्याओं के समक्ष देश की ऊर्जा प्रबंधन रणनीति का जिक्र करते हुए कहा कि पिछले दो वर्ष में भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें कम हुईं हैं। उन्होंने कहा, "सभी विशेषज्ञों की राय है कि भारत सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था है और जल्द ही दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।"
उन्होंने कहा कि भारत की जीडीपी वृद्धि दर अब 7.5 प्रतिशत से अधिक है और यह वैश्विक संस्थाओं के अनुमान से अधिक है। पीएम मोदी ने कहा कि सरकारी सुधार घरेलू प्राकृतिक गैस उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद कर रहे हैं। भारत 2030 तक अपने ऊर्जा मिश्रण में गैस की हिस्सेदारी बढ़ाकर 15 प्रतिशत करने का लक्ष्य बना रहा है। पेट्रोल में इथेनॉल के मिलाने के बारे में उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों में यह 1.5 प्रतिशत से बढ़कर 12 प्रतिशत हो गया है। 2025 तक यह 20 प्रतिशत हो जाएगा।
2070 तक 'नेट जीरो' का लक्ष्य
प्रधानमंत्री ने कहा कि वैश्विक उत्सर्जन में भारत का केवल चार प्रतिशत हिस्सा है और 2070 तक 'नेट जीरो' का लक्ष्य रखा गया है। 'नेट जीरो' से तात्पर्य है कि कोई देश वातावरण में कार्बन आधारित ग्रीनहाउस गैसों का जितना उत्सर्जन कर रहा है, उतना ही उसे सोख और हटा भी रहा है। यानी उसकी तरफ से वातावरण में ग्रीन हाउस गैसों का योगदान न के बराबर हो। उन्होंने कहा कि 1 करोड़ मकानों पर 'सोलर रूफटॉप' स्थापित करने की हाल ही में घोषित योजना से उत्पन्न अतिरिक्त बिजली को ग्रिड से जोड़ा जाएगा।