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ISRO New Chief: वी. नारायणन होंगे इसरो के नए चीफ, 14 जनवरी को एस सोमनाथ की जगह संभालेंगे कमान, जानें पूरी डिटेल

ISRO V Narayana: केंद्र सरकार ने वी नारायणन को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का नया अध्यक्ष और अंतरिक्ष विभाग का सचिव नियुक्त किया है। नारायणम 14 जनवरी को इसरो के मौजूदा समय में प्रमुख एस सोमनाथ से पदभार ग्रहण करेंगे। केंद्र सरकार की कैबिनेट की नियुक्ति समिति ने इस बारे में नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। उनकी नियुक्ति दो साल के लिए है

MoneyControl Newsअपडेटेड Jan 08, 2025 पर 8:54 AM
ISRO New Chief: वी. नारायणन होंगे इसरो के नए चीफ, 14 जनवरी को एस सोमनाथ की जगह संभालेंगे कमान, जानें पूरी डिटेल
ISRO V Narayana: वी नारायणन के पास करीब चार दशकों का अनुभव है। उन्होंने भारतीय अंतरिक्ष संगठन में कई प्रमुख पदों पर काम किया है।

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के नए चीफ के नाम का ऐलान कर दिया गया है। डॉ. वी. नारायणन ISRO के नए प्रमुख होंगे। वह 14 जनवरी को मौजूदा चीफ एस. सोमनाथ की जगह लेंगे। 7 जनवरी (मंगलवार) को देर रात नोटिफिकेशन जारी कर इस बात की जानकारी दी गई है। उनका कार्यकाल 2 साल का होगा। बता दें कि सोमनाथ ने 14 जनवरी, 2022 को तीन साल के कार्यकाल के लिए अंतरिक्ष विभाग के सचिव के रूप में कार्यभार संभाला था। डॉ. नारायणन मौजूदा समय में लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम्स सेंटर (LPSC) के डायरेक्टर हैं। वे ISRO में एक प्रतिष्ठित वैज्ञानिक हैं।

डॉ. वी नारायणन ने करीब चार दशकों तक अंतरिक्ष संगठन में कई अहम पदों पर काम किया है। उन्होंने रॉकेट और अंतरिक्ष यान प्रणोदन में विशेषज्ञता हासिल की है। उन्होंने जीएसएलवी एमके इल वाहन के सी25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के परियोजना निदेशक भी थे।

जानिए कौन हैं डॉ. वी नारायणन

डॉ. नारायणन ISRO में एक बड़ा नाम हैं। उन्होंने GSLV Mk III के C25 क्रायोजेनिक प्रोजेक्ट के प्रोजेक्ट डायरेक्टर के रूप में काम किया है। उनकी अगुवाई में टीम ने C25 स्टेज को सफलतापूर्वक विकसित किया। यह GSLV Mk III का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। डॉ. नारायणन के नेतृत्व में LPSC ने कई ISRO मिशनों के लिए 183 लिक्विड प्रोपल्शन सिस्टम और कंट्रोल पावर प्लांट दिए हैं। उन्होंने PSLV के दूसरे और चौथे चरण के निर्माण पर भी काम किया है। PSLV C57 के लिए कंट्रोल पावर प्लांट भी उनके निर्देशन में बने। आदित्य अंतरिक्ष यान और GSLV Mk-III मिशन, चंद्रयान-2 और चंद्रयान-3 के प्रणोदन प्रणालियों में भी उनका अहम योगदान रहा है।

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