बिहार की राजनीति में वंशवाद का दबदबा कायम है। इस चुनाव में भी बड़ी संख्या में उम्मीदवार या तो किसी बड़े नेता के बेटे, बेटी या पत्नी हैं या उनके नजदीक संबंधी हैं। न्यूज एजेंसी PTI के मुताबिक, राजनीतिक विशेषज्ञ अरुण कुमार पांडे का कहना है कि वंशवाद के मामले में बिहार में कोई भी राजनीतिक दल खुद को नैतिक रूप से श्रेष्ठ नहीं कह सकता। बिहार के 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए दो चरणों छह और 11 नवंबर को मतदान होगा, जबकि मतगणना 14 नवंबर को की जाएगी। अलग-अलग राजनीतिक दलों से कई चर्चित नेता अपने परिवार के सदस्यों को चुनावी मैदान में उतार रहे हैं।
