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'वे लाशों की पॉलिटिक्स करेंगे'; पश्चिम बंगाल में CPM नेता सलीम का TMC और BJP पर हमला

CPM की 'बांग्ला बचाओ यात्रा' 29 नवंबर को कूच बिहार के तूफानगंज से शुरू हुई है। यह 17 दिसंबर को उत्तर 24 परगना के कमरहाटी में खत्म होगी। यह यात्रा लगभग 1,000 से 1,100 किलोमीटर की दूरी तय करेगी और दार्जिलिंग से लेकर उत्तरी 24 परगना तक 11 जिलों और कई इलाकों से गुजरेगी

Suresh Kumarअपडेटेड Dec 02, 2025 पर 1:37 PM
'वे लाशों की पॉलिटिक्स करेंगे'; पश्चिम बंगाल में CPM नेता सलीम का TMC और BJP पर हमला
CPM के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने TMC और BJP दोनों पर जमकर हमला बोला है

West Bengal News: पश्चिम बंगाल में आगामी विधानसभा चुनाव की तैयारी के बीच राजनीतिक बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप तेजी से बढ़ रहे हैं। रविवार (30 नवंबर) को सिलीगुड़ी में 'बांग्ला बचाओ यात्रा' के दौरान CPM के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने TMC और BJP दोनों पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि राज्य की जनता मुश्किलों में है। लेकिन राजनीतिक दल सिर्फ प्रचार और बयानबाजी में लगे हुए हैं। मोहम्मद सलीम ने कहा कि CPM की 'बांग्ला बचाओ यात्रा' इसलिए निकाली गई है क्योंकि बंगाल की राजनीति ऐसे हाथों में चली गई है जो राज्य को नुकसान पहुंचा रही है

उन्होंने TMC, BJP और उनके नेताओं पर आरोप लगाते हुए कहा, "ममता बनर्जी, अभिषेक बनर्जी और सुवेंदु अधिकारी ने मिलकर बंगाल को ऐसी हालत में पहुंचाया है जहां जनता परेशान है। लेकिन वे सिर्फ राजनीतिक नाटक कर रहे हैं।" इसके साथ ही उन्होंने सवाल उठाया कि जब उत्तर बंगाल में बाढ़ आई, तब ये नेता कहां थे? सलीम ने कहा, "उस समय वामपंथी कार्यकर्ता राहत और पुनर्वास में लगे थे, जबकि बाकी नेता गायब थे।"

CPM नेता ने यह भी कहा कि कई लोग सरकारी आवास योजना का लाभ नहीं पा रहे हैं। भ्रष्टाचार के कारण जमीन आवंटन और पैसों में गड़बड़ी हो रही है। उन्होंने दावा किया कि आम जनता अभी भी घर, मुआवजे और पुनर्वास के लिए भटक रही है।

SIR पर भी सलीम ने गंभीर सवाल उठाए। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, "बहुत पहले CO के पास गए थे जब उन्होंने SIR शुरू किया था, उन्होंने कहा था कि जो लोग मेंटल प्रेशर में होंगे, पॉलिटिकल प्रेशर में होंगे, BJP TMC उन्हें अपनी गोद में खींचना चाहेगी, मीडिया झूठ फैलाएगी, वे लाशों की पॉलिटिक्स करेंगे।"

सलीम का कहना है कि सरकार और विपक्ष दोनों इस मुद्दे को राजनीतिक हथियार की तरह इस्तेमाल कर रहे हैं, जबकि जनता इससे परेशान है। उन्होंने कहा, "ममता इतना शोर मचा रही हैं, केंद्र सरकार और राज्य सरकार चारों ओर विज्ञापन दे सकती थी कि क्या करना है। लेकिन ऐसा करने के बजाए रोहिंग्याओ ने बांग्लादेशी लूंगी, मछली, चावल और इन सब चीजों के बारे में हंगामा करना शुरू कर दिया।"

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