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भारत-रूस व्यापार में उछाल के बावजूद भारी असंतुलन, रीबैलेंसिंग की ज़रूरत : पीयूष गोयल

गोयल ने ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, हेवी मशीनरी, टेक्सटाइल और फ़ूड प्रोडक्ट्स जैसे सेक्टर्स में भारतीय एक्सपोर्टर्स के लिए बहुत सारे ऐसे मौके बताए जिनका अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ है। दोनों पक्ष ट्रेड में रुकावटों को कम करने और बिज़नेस के मौके बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। इससे आगे इन सेक्टरों में दोनों देशों के बीच बड़े कारोबारी मौके बन सकते हैं

Edited By: Sudhanshu Dubeyअपडेटेड Dec 04, 2025 पर 6:02 PM
भारत-रूस व्यापार में उछाल के बावजूद भारी असंतुलन, रीबैलेंसिंग की ज़रूरत : पीयूष गोयल
वित्त वर्ष 2025 में रूस को भारत का सबसे ज़्यादा एक्सपोर्ट इंजीनियरिंग सामान का रहा। भारत से रूस को 1.3 अरब डॉलर का इंजीनियरिंग गुड्स एक्सपोर्ट किया गया

कॉमर्स मिनिस्टर पीयूष गोयल ने 4 दिसंबर को कहा कि भारत और रूस के बीच बाइलेटरल कॉमर्स में बहुत ज़्यादा उतार-चढ़ाव बना हुआ है। दोनों देशों के बीच होने वाले ट्रेड बास्केट में ज़्यादा बैलेंस और डाइवर्सिफिकेशन की जरूरत है। गोयल ने ऑटोमोबाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स, हेवी मशीनरी, टेक्सटाइल और फ़ूड प्रोडक्ट्स जैसे सेक्टर्स में भारतीय एक्सपोर्टर्स के लिए बहुत सारे ऐसे मौके बताए जिनका अभी तक इस्तेमाल नहीं हुआ है। दोनों पक्ष ट्रेड में रुकावटों को कम करने और बिज़नेस के मौके बढ़ाने के लिए काम कर रहे हैं। इससे आगे इन सेक्टरों में दोनों देशों के बीच बड़े कारोबारी मौके बन सकते हैं।

गोयल ने नई दिल्ली में एक इवेंट में कहा, “मुझे यकीन है कि हम जल्द ही ट्रेड इम्बैलेंस को ठीक कर लेंगे और अगर कोई ट्रेड रुकावट है तो उसे खत्म करने और कम करने के लिए मिलकर काम करेंगे। हम दोनों देशों में बिज़नेस के लिए और मौके खोलने के लिए सही हालात बनाने के लिए काम करेंगे।”

उन्होंने कहा कि आपसी व्यापार में, भारत और रूस ने एक दशक पहले 2025 तक 30 अरब बिलियन का लक्ष्य रखा था, यह आंकड़ा पहले ही लगभग दोगुना हो चुका है। वित्त वर्ष 20225 में दोनों देशों के बीच मर्चेंडाइज़ ट्रेड 8.7 अरब डॉलर का था, लेकिन रूस को भारत का एक्सपोर्ट 5 अरब डॉलर से कम रहा, जबकि इम्पोर्ट 64 अरब डॉलर के करीब था। रूस से तेल की खरीद बढ़ने से और भारत के पास एक्सपोर्ट के लिए बहुत कम चीजें होने से दोनों देशों के बीच ट्रेड गैप बढ़ गया है।

वित्त वर्ष 2025 में रूस को भारत का सबसे ज़्यादा एक्सपोर्ट इंजीनियरिंग सामान का रहा। भारत से रूस को 1.3 अरब डॉलर का इंजीनियरिंग गुड्स एक्सपोर्ट किया गयाइसके बाद 86.25 करोड़ डॉलर के इलेक्ट्रॉनिक सामान और 57.72 करोड़ डॉलर के ड्रग्स और फार्मास्यूटिकल्स का एक्सपोर्ट हुआइसके अलावा भार रूस को ऑर्गेनिक और इनऑर्गेनिक केमिकल, मरीन प्रोडक्ट और रेडीमेड कपड़े भी एक्सपोर्ट करता है

वित्त वर्ष 2025 में रूस से भारत ने लगभग 57 अरब डॉलर का कच्चा तेल, 2.4 अरब डॉलर का एनिमल और वेजिटेबल फैट और तेल, 1.8 अरब डॉलर का फर्टिलाइज़र और 43.393 करोड़ डॉलर के मोती, कीमती और सेमी-कीमती पत्थर इंपोर्ट किया।

US के भारी टैरिफ के चलते भारत अपने एक्सपोर्ट को डायवर्सिफाई करने की कोशिश कर रहा है। भारत रूस के नेतृत्व वाले यूरेशियन इकोनॉमिक यूनियन (EAEU) के साथ एक फ्री ट्रेड एग्रीमेंट पर भी विचार कर रहा है। भारत और EAEU ब्लॉक ने 20 अगस्त को मॉस्को में FTA के लिए बातचीत शुरू करने के लिए टर्म्स ऑफ़ रेफरेंस (ToR) पर साइन किए। ToR बातचीत के लिए एक फ्रेमवर्क उपलब्ध करवाता है

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