Infosys ने 2000 फ्रेशर्स को 2022 में दिया था ऑफर लेटर, लेकिन अब तक नहीं हो पाई ज्वाइनिंग, जानिए पूरा मामला

जुलाई में बेंगलुरु स्थित Infosys ने कहा था कि पहले की गई नियुक्तियों का कुछ हिस्सा पेंडिंग है। प्रभावित कैंडिडेट्स ने बताया कि सिस्टम इंजीनियर के पद का वेतन 3.6 लाख रुपये प्रति वर्ष था, जबकि डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर पद पर 6.5 लाख रुपये प्रति वर्ष वेतन था

अपडेटेड Aug 20, 2024 पर 7:35 PM
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आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी इंफोसिस ने करीब 2000 फ्रेशर्स को साल 2022 में ऑफर लेटर सौंपा था, लेकिन कंपनी अब तक उन्हें ज्वाइनिंग नहीं करा पाई है।

आईटी सेक्टर की दिग्गज कंपनी Infosys ने करीब 2000 फ्रेशर्स को साल 2022 में ऑफर लेटर सौंपा था, लेकिन कंपनी अब तक उन्हें ज्वाइनिंग नहीं करा पाई है। यह जानकारी प्रभावित फ्रेशर्स ने मनीकंट्रोल को दी। ये पद सिस्टम इंजीनियर और डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर के लिए हैं। मनीकंट्रोल को पता चला है कि इन सॉफ्टवेयर इंजीनियरों को दो प्री-ट्रेनिंग सेशन लेने के लिए कहा गया, जिनमें से आखिरी सेशन 19 अगस्त को होना था। इसके अलावा, यह भी आरोप लगाया जा रहा है कि कई कैंडिडेट्स को अभी तक प्री-ट्रेनिंग सेशन के लिए ऑनलाइन पोर्टल पर लॉग इन करने के लिए क्रेडेंशियल नहीं मिले हैं, जो 19 अगस्त से शुरू होने वाले थे।

मनीकंट्रोल ने इस मामले पर टिप्पणी के लिए इंफोसिस से संपर्क किया, लेकिन कंपनी ने स्टोरी पब्लिश किए जाने तक सवालों का जवाब नहीं दिया है। जवाब आने पर उसे अपडेट किया जाएगा। जुलाई में बेंगलुरु स्थित इंफोसिस ने कहा था कि पहले की गई नियुक्तियों का कुछ हिस्सा पेंडिंग है। प्रभावित कैंडिडेट्स ने बताया कि सिस्टम इंजीनियर के पद का वेतन 3.6 लाख रुपये प्रति वर्ष था, जबकि डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर पद पर 6.5 लाख रुपये प्रति वर्ष वेतन था।

IT कर्मचारी संघ ने सरकार से लगाई गुहार


पुणे स्थित आईटी कर्मचारी संघ नैसेंट इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी एम्प्लॉइज सीनेट (NITES) ने श्रम एवं रोजगार मंत्रालय से अनुरोध किया है कि 2022-23 भर्ती अभियान के दौरान सिस्टम इंजीनियर और डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर की भूमिकाओं के लिए चुने गए 2000 इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स के चल रहे "शोषण और अन-प्रोफेशनल ट्रीटमेंट" के लिए कंपनी की जांच की जाए। मामले से अवगत लोगों ने बताया कि लगभग 50-60 कैंडिडेट्स को डिजिटल स्पेशलिस्ट इंजीनियर्स के समूह से ऑफर लेटर मिले हैं।

Infosys ने रोक दी थी हायरिंग 

देश की दूसरी सबसे बड़ी सॉफ्टवेयर एक्सपोर्टर कंपनी इंफोसिस ने फ्रेशर्स को 2022 में ऑफर लेटर भेजे थे, लेकिन आईटी इंडस्ट्री में मंदी आने के बाद कैंडिडेंट्स को ज्वाइन हीं कराया गया। इस दौरान कंपनियों ने हायरिंग रोक दी, जिसके चलते कर्मचारियों की संख्या में गिरावट आई।

इंफोसिस के CEO और MD सलिल पारेख ने 3 जून को जारी कंपनी की वार्षिक रिपोर्ट में कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में कैंपस से 50,000 से अधिक फ्रेशर्स को काम पर रखा गया था, जो वित्त वर्ष 23-24 में घटकर लगभग 11,900 कॉलेज ग्रेजुएट रह गए। इस दौरान कंपनी ने दो दशकों में पहली बार पूरे साल में कर्मचारियों की संख्या में गिरावट दर्ज की।

क्या है कैंडिडेट्स का आरोप?

फ्रेशर्स का पहला प्री-ट्रेनिंग सेशन चार हफ्ते से अधिक समय तक चला, दूसरा लगभग छह हफ्ते का होना था, जो अभी तक शुरू नहीं हुआ है। एक कैंडिडेट ने कहा, उनकी ऑनबोर्डिंग प्रक्रिया के अनुसार हमारी ट्रेनिंग मैसूर में होनी चाहिए थी, और फिर भी हमने उन पर भरोसा किया और प्री-ट्रेनिंग परीक्षा दी। हम केवल नतीजे की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उन्होंने क्या किया? बार-बार, प्री-ट्रेनिंग ईमेल भेज रहे हैं।"

एक कैंडिडेट ने कहा कि उन्हें 1 जुलाई को अपनी प्री-ट्रेनिंग की तारीख मिली। इंफोसिस के एक HR ने कहा, "नतीजे दो दिनों के भीतर घोषित किए जाएंगे और 2 सितंबर तक जॉइनिंग की तारीखें होंगी।" कैंडिडेट, कई अन्य लोगों के साथ 24 जुलाई को परीक्षा में शामिल हुए। इसके बाद, यह आरोप लगाया गया कि उम्मीदवारों को एक और प्री-ट्रेनिंग ईमेल मिला जिसमें कहा गया था कि इस बार परीक्षा ऑफलाइन आयोजित की जाएगी।

कैंडिडेट ने कहा, "हम कैसे भरोसा कर सकते हैं कि ऐसा दोबारा नहीं होगा? अब मुझे न्याय चाहिए क्योंकि मैंने इंफोसिस की वजह से 2.5+ साल बर्बाद कर दिए हैं।" कई उम्मीदवारों ने इंफोसिस से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली। एक कैंडिडेट ने कहा, "हम सरकार से इंफोसिस के खिलाफ तत्काल और सख्त कार्रवाई करने की मांग कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि इस तरह के शोषण को रोका जाए और इन युवा प्रोफेशनल्स के अधिकारों की रक्षा की जाए।"

MoneyControl News

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First Published: Aug 20, 2024 7:25 PM

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