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UGC का युवाओं को नए साल का तोहफा, अब असिस्टेंट प्रोफेसर के लिए NET अनिवार्य नहीं, नया गाइडलाइंस जारी

UGC NET Eligibility Criteria: एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए नियमों में संशोधित किए हैं। नए गाइडलाइंस के अनुसार, उच्च शिक्षा संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और प्रमोशन के लिए अब राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) पास करना अनिवार्य नहीं होगा

अपडेटेड Jan 07, 2025 पर 5:07 PM
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UGC NET Eligibility Criteria: असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर नौकरी का सपना देख रहे युवाओं के लिए गुड न्यूज है

UGC NET Eligibility Criteria 2025: देश के यूनिवर्सिटी और कॉलेजों में असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर जॉब पाने का सपना देख रहे युवाओं को नए साल में बड़ा तोहफा मिला है। एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने असिस्टेंट प्रोफेसर के पदों पर भर्ती के लिए नियमों में संशोधित किए हैं। नए मानदंडों के अनुसार, उच्च शिक्षा संस्थानों में असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्ति और प्रमोशन के लिए अब राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (NET) पास करना अनिवार्य नहीं होगा। इन मसौदा मानदंडों का खुलासा केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने सोमवार, 6 जनवरी को किया। इसका उद्देश्य फैकल्टी रिक्वायरमेंट और प्रमोशन में लचीलापन लाना है।

एक अधिकारी ने बताया कि नए नियमों का उद्देश्य यूनिवर्सिटीज को प्रोफेसरों की नियुक्ति में ज्यादा लचीलापन लाना है। अब अलग-अलग विषयों और कौशल वाले उम्मीदवारों की नियुक्ति पर भी विचार किया जा सकेगा। यूजीसी के अध्यक्ष मामिडाला जगदीश कुमार ने बताया कि इन नए नियमों का मकसद शिक्षकों की नियुक्ति प्रक्रिया को बदलना और उसे राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 के लक्ष्यों के साथ जोड़ना है।

इसके अलावा अभी तक उम्मीदवारों को ग्रेजुएशन, पोस्ट ग्रेजुएशन और पीएचडी में एक ही सब्जेक्ट में पढ़ाई करनी होती है, तभी वे प्रोफेसर बन सकते हैं। लेकिन नए गाइडलाइंस के अनुसार, उम्मीदवार यूजीसी नेट या पीएचडी सब्जेक्ट से संबंधित शिक्षण पदों के लिए अप्लाई कर सकेंगे, भले ही उनकी पिछली योग्यता किसी और विषय या क्षेत्र में हो।


पढ़ें- डिटेल्स गाइडलाइन

पीटीआई के मुताबिक, नए गाइडलाइंस में प्रोफेसरों की नियुक्ति के मानदंडों में भी संशोधन करेंगे। इनके तहत कम से कम 55 फीसदी अंकों के साथ मास्टर ऑफ इंजीनियरिंग (M.E.) और मास्टर्स ऑफ टेक्नोलॉजी (M.Tech.) में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री रखने वाले लोगों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) पास किए बिना असिस्टेंट प्रोफेसर स्तर पर सीधे भर्ती किए जा सकने की अनुमति मिल जाएगी।

मसौदा मानदंड उम्मीदवारों को उनकी उच्चतम शैक्षणिक विशेषज्ञता के आधार पर पढ़ाने की अनुमति भी देंगे। उदाहरण के तौर पर रसायन विज्ञान में पीएचडी, गणित में ग्रेजुएट और भौतिकी में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री वाला उम्मीदवार अब केमिस्ट्री पढ़ाने के लिए योग्य होगा। इसी तरह, जो व्यक्ति अपने पूर्व के शैक्षणिक विषयों से अलग किसी सब्जेक्ट में राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा पास करते हैं, वे उस विषय को पढ़ा सकेंगे जिसमें उन्होंने नेट के लिए क्वालीफाई की थी।

यूजीसी के अध्यक्ष जगदीश कुमार के अनुसार, यूजीसी (विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों में शिक्षकों और शैक्षणिक कर्मचारियों की नियुक्ति और प्रमोशन के लिए न्यूनतम योग्यता और उच्च शिक्षा में मानकों के रखरखाव के लिए उपाय) विनियम, 2025, 2018 के दिशानिर्देशों का स्थान लेंगे।

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इससे पहले कुलपति पद के लिए उम्मीदवारों का ऐसा प्रतिष्ठित शिक्षाविद होना आवश्यक था, जिनके पास यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के रूप में या प्रमुख अनुसंधान या शैक्षणिक प्रशासनिक भूमिका में कम से कम 10 साल का अनुभव हो। अब, उद्योग, सार्वजनिक प्रशासन, सार्वजनिक नीति या सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में कम से कम 10 साल के वरिष्ठ स्तर के अनुभव वाले ऐसे व्यक्ति भी कुलपति के पद के लिए भी पात्र हैं जिनका शैक्षणिक रिकॉर्ड अच्छा है।

Akhilesh

Akhilesh

Tags: #jobs

First Published: Jan 07, 2025 5:07 PM

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