किसानों को सिंचाई की सुविधा बेहतर करने के लिए उत्तर सरकार ने खेत तालाब योजना शुरू की है। इस योजना के तहत किसान अब अपने खेतों में मध्यम और छोटे तालाब खुदवा सकेंगे। इसके लिए सरकार से 50 फीसदी सब्सिडी भी मिलती है। यानी किसानों को तालाब खुदवाने के लिए जितनी लागत आएगी, उसके आधे पैसे देने होंगे। इन तालाबों का इस्तेमाल किसान मछली पालन या सिंचाई के लिए कर सकते हैं। इससे जमीन का जल स्तर भी बढ़ेगा और किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।
इस योजना का लाभ उठाने के लिए किसानों को 1,000 रुपये जमा करना होगा। इसमें पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किसानों को लाभ मिलेगा। इसके लिए किसानों को कृषि विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।
इससे किसानों को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया जा सकेगा। बारिश का पानी एकत्र किया जा सकता है। जिसे सिंचाई में इस्तेमाल किया जा सकता है। एकत्र किए गए जल का बेहतर तरीके से इस्तेमाल किया जा सकता है। इससे भूगर्भ जल स्तर में बढ़ोतरी होगी। मध्यम और लघु तालाबों का क्षेत्रफल .044 हेक्टेयर होगा। तालाब की लंबाई 20 मीटर, चौड़ाई 20 मीटर और गहराई 3 मीटर रहेगी। तालाब खुदवाने के बाद इसका निरीक्षण किया जाएगा। जिला भूमि संरक्षण अधिकारी इसका निरीक्षण करेंगे। तालाब का जियो टैगिंग किया जाएगा, ताकि इसका दुरुपयोग न किया जा सके।
सब्सिडी की राशि किसानों के अकाउंट में तीन किस्तों में भेजी जाएगी। छोटे तालाब खुदवाने में किसानों के अकाउंट में 52500 रुपये की सब्सिडी आएगी। वहीं मध्यम तालाब खुदवाने के दौरान किसानों के अकाउंट में 114,200 रुपये आ जाएंगे। किसान इन तालाबों में मछली पालन करके अपनी कमाई भी कर सकते हैं।