Kolkata Doctor Rape-Murder Case: अज्ञात बदमाशों ने कोलकाता स्थित सरकारी आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के कैंपस में बुधवार (14 अगस्त) को आधी रात को घुसकर उसके कुछ हिस्सों में तोड़फोड़ की। इसी अस्पताल में पिछले सप्ताह महिला ट्रेनी डॉक्टर का शव मिला था। अस्पताल में डॉक्टर के साथ बलात्कार और फिर उसकी हत्या किए जाने की घटना के विरोध में महिलाओं के विरोध प्रदर्शन के बीच आधी रात को यह तोड़फोड़ हुई। पुलिस के अनुसार, लगभग 40 लोगों का समूह कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों के रूप में अस्पताल कैंपस में घुसा, संपत्ति को नुकसान पहुंचाया और पुलिसकर्मियों पर पथराव किया। इसके बाद पुलिसकर्मियों को भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
एक पुलिस अधिकारी ने पीटीआई को बताया कि इस घटना में एक पुलिस वाहन और मौके पर मौजूद कुछ दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए। उन्होंने बताया कि हिंसा में कुछ पुलिस अधिकारी घायल भी हुए हैं। तथाकथित 'रीक्लेम द नाइट (Reclaim the Night)' अभियान के तहत विरोध प्रदर्शन रात 11 बजकर 55 मिनट पर शुरू हुए। सोशल मीडिया के जरिए जोर पकड़ने वाला यह अभियान कोलकाता के कई ऐतिहासिक स्थलों सहित छोटे शहरों और बड़े शहरों के प्रमुख क्षेत्रों में फैल गया।
'रीक्लेम द नाइट' के नाम से महिला मुक्ति आंदोलन की शुरुआत 1977 में इंग्लैंड के लीड्स में से हुई थी। इंग्लैंड में एक महिला की हत्या के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया। तब पुलिस ने महिलाओं को रात में घर से बाहर न निकलने की सलाह दी। इसके खिलाफ ही 'रीक्लेम द नाइट' का आह्वान किया गया था। कोलकाता पुलिस कमिश्नर (सीपी) विनीत गोयल करीब दो बजे घटनास्थल पर पहुंचे।
पुलिस ने बताया कि लाठियां, ईंटें और छड़ें लेकर आए उपद्रवियों ने उत्तर कोलकाता स्थित अस्पताल के आपातकालीन वार्ड, नर्सिंग स्टेशन, दवाघर तथा ओपीडी के एक हिस्से में तोड़फोड़ की। उपद्रवियों ने इलाके में और उसके आसपास के कई सीसीटीवी कैमरे तोड़ दिए और उस मंच पर भी तोड़फोड़ की, जहां डॉक्टर से बलात्कार और उसकी हत्या की घटना के बाद 9 अगस्त की शाम से प्रदर्शन कर रहे हैं। पुलिस ने बताया कि इस घटना में एक पुलिस वाहन और मौके पर मौजूद कुछ दोपहिया वाहन क्षतिग्रस्त हो गए।
घटनास्थल पर भी तोड़फोड़ हुई?
कोलकाता पुलिस के मुताबिक, आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में अपराध स्थल पर कोई तोड़फोड़ नहीं किया गया। दरअसल, सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसे दावे किए जा रहे हैं कि भीड़ के हमले में रेप-मर्डर वाली जगह पर भी तोड़फोड़ की गई। हालांकि कोलकाता पुलिस ने ऐसे दावों को गलत बताया है। पुलिस ने X पर एक पोस्ट में कहा, "अपराध सेमिनार रूम में हुआ था और उसको किसी ने हाथ नहीं लगाया है। प्लीज झूठी खबरें ना फैलाएं। अफवाह फैलाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।"
इस बीच, तृणमूल कांग्रेस के महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी ने कहा कि उन्होंने गोयल से बात की और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि आज की हिंसा के लिए जिम्मेदार प्रत्येक व्यक्ति की पहचान की जाए, उसे जवाबदेह ठहराया जाए और अगले 24 घंटों के भीतर उसे कानून के दायरे में लाया जाए, भले ही उसकी राजनीतिक संबद्धता कुछ भी हो।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "आज रात आरजी कर में गुंडागर्दी और बर्बरता की सभी सीमाएं लांघ दी गईं। मैंने जन प्रतिनिधि के रूप में अभी सीपी कोलकाता से बात की।" अभिषेक बनर्जी ने कहा, "प्रदर्शनकारी डॉक्टरों की मांगें उचित और न्यायसंगत हैं। वे सरकार से कम से कम इतनी उम्मीद तो सकते हैं। उनकी सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।"
भारतीय जनता पार्टी (BJP) और विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने आरोप लगाया कि यह तोड़फोड़ पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी द्वारा भेजे गए तृणमूल के गुंडों ने की। अधिकारी ने X पर लिखा, "ममता बनर्जी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के पास गैर-राजनीतिक विरोध रैली में तृणमूल के अपने गुंडों को भेजा है। वह सोचती हैं कि वह पूरी दुनिया में सबसे चतुर व्यक्ति हैं और लोग इस चालाक योजना को नहीं समझ पाएंगे कि प्रदर्शनकारियों के रूप में आने वाले उनके गुंडे भीड़ में शामिल होकर आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के अंदर बर्बरता करेंगे।"
अधिकारी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने बदमाशों को सुरक्षित रास्ता दिया। उन्होंने पोस्ट में कहा, "पुलिस ने उन्हें सुरक्षित रास्ता दिया। पुलिस कर्मी या तो भाग गए या दूसरी तरफ देखते रहे, ताकि ये बदमाश अस्पताल परिसर में घुस जाएं और उन क्षेत्रों को नष्ट कर दें जहां अहम सबूत हैं ताकि ये सबूत सीबीआई (केंद्रीय जांच ब्यूरो) के हाथ न लगें।"