उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के ट्रांसपोर्टनगर में शनिवार शाम बारिश के दौरान एक बड़ा हो गया था। शहीद पथ किनारे स्थित हरमिलाप टावर भरभराकर जमींदोज हो गया। इस हादसे में अब तक एक कारोबारी समेत 8 लोगों की मौत हो गई। 28 लोग घायल बताए जा रहे हैं। यह आंकड़ा अभी बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। सभी घायलों को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है। इनका इलाज जारी है। मलबे में अभी कई और लोगों के दबे होने की आशंका है। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, दमकल और पुलिस की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। इस कांप्लेक्स में दवा, इंजन आयल कंपनियों समेत चार गोदाम थे। जिनमें 30 से अधिक लोग काम कर रहे थे।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया है कि तीन मंजिला जो इमारत गिरी है, उसका निर्माण करीब चार साल पहले ही किया गया था। वहीं DCP आर.एन सिंह ने बताया कि कल से हमारा बचाव अभियान जारी है। इसमें 8 लोगों की मौत होगई है। 28 लोग घायल हैं। उन्होंने उम्मीद जताई है कि जल्द ही राहत और बचाव अभियान पूरा हो जाएगा। फिलहाल घायलों की स्थिति ठीक है। इमारत जर्जर थी इस वजह से ढह गई है।
शुरुआती जांच के मुताबिक, बिल्डिंग के बेसमेंट में काम चल रहा था। इसी वजह से हादसा हुआ। बिल्डिंग में तैनात सिक्योरिटी गार्ड ने बताया- पहले एक अंदर का पिलर धंसा और कुछ देर बाद बारिश होने लगी। उसी समय बिल्डिंग गिर गई। हालांकि आस-पास के लोगों का कहना है कि जलभराव से बिल्डिंग की नींव कमजोर हो गई थी। इसकी शिकायत कई बार प्रशासन से की गई थी, लेकिन इस समस्या पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। ट्रांसपोर्टनगर व्यापार मंडल और वेयर हाउस के प्रवक्ता राजनारायण सिंह ने बताया कि जलभराव अगर नहीं हुआ होता तो यह घटना नहीं होती। दूसरी ओर डीएम ने कहा कि जांच के बाद ही पूरी स्पष्ट वजह साफ हो पाएगी। जबकि एलडीए के ओर से दी गई जानकारी के अनुसार बिल्डिंग का नक्सा 31 अगस्त 2010 को पास किया गया था।
पुलिस ने बताया कि यह रेस्क्यू ऑपरेशन अभी तक जारी है। पुलिस के मुताबिक सभी 8 मृतकों की पहचान मनजीत सिंह साहनी, धीरज, पंकज, अरुण, राम किशोर, राजेश कुमार, रुद्र यादव और जगरूप सिंह के रूप में हुई है। वहीं 28 घायलों को बाहर निकालने के बाद भी कहा जा रहा है कि कई लोग लापता हैं। अब पुलिस और आपदा राहत टीमें मलबे के अंदर इन लापता लोगों की तलाश में जुटी हुई हैं। इसके लिए जेसीबी की मदद से मलबे को हटाया जा रहा है।
पूरी रात खुला एलडीए का दफ्तर
इस घटना के बाद पूरी रात लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) का दफ्तर खुला रहा। जांच रिपोर्ट तैयार की गई। एलडीए के सचिव के साथ एक टीम घटना स्थल पर जांच करने भी पहुंची थी। जिससे पता चल सके कि कहीं निर्माण के दौरान अनियमितता और मानकों की अनदेखी तो नहीं हुई है। सूत्रों की मानें तो इस घटना की जांच रिपोर्ट सीनियर अफसरों को सौंप दी गई है।