महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सरकारी और अर्ध-सरकारी दफ्तरों में सभी अधिकारियों के लिए सिर्फ मराठी में बात करना जरूरी कर दिया गया है। इस मामले में एक सर्कुलर (Government Resolution - GR) भी जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि स्थानीय स्वशासन, सरकारी निगमों और सरकारी सहायता प्राप्त प्रतिष्ठानों में मराठी बोलना जरूरी है। GR में चेतावनी दी गई है कि मराठी में बात नहीं करने वाले दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इसमें यह भी कहा गया है कि भारत के बाहर और गैर-मराठी भाषी राज्यों से आने वाले विजिटर्स को छोड़कर, सभी अधिकारियों को विजिटर्स के साथ बातचीत करते वक्त मराठी भाषा का उपयोग करना चाहिए।